लखनऊ:बुधवार को वरिष्ठ मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने सीएम योगी आदित्यनाथ को ईद-उल-अजहा पर बिना रोक-टोक के बकरा मंडी लगने की मांग को लेकर पत्र लिखा है. मौलाना की ओर से भेजे गए पत्र में मुख्यमंत्री से कहा गया है कि ईद-उल-अजहा के अवसर पर पूरे प्रदेश और देश में मुसलमान नमाज अदा करते हैं और कुर्बानी जो एक धार्मिक कर्तव्य है, उसको अंजाम देते हैं.
मौलाना ने कहा कि कुर्बानी उन्हीं जानवरों की दी जाती है, जिनकी कानूनी तौर पर इजाजत है. इसलिए इस साल भी पूरे प्रदेश में जहां-जहां पहले से कुर्बानी के जानवरों की मंडियां लगती चली आ रही हैं, उनको पहले की ही तरह लगने दिया जाए और कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए इन मंडियों में भी सैनिटाइजेशन, सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के प्रयोग को अनिवार्य किया जाए.
बकरा पालन रोजी-रोटी का साधन
मौलाना फरंगी महली ने कहा कि गांव और दूरदराज इलाकों में रहने वाले किसान बड़ी संख्या में जानवरों को पालते हैं और ईद-उल-अजहा के अवसर पर शहरों में लाकर बेचते हैं, जो उनकी रोजी-रोटी का बड़ा साधन है. इसलिए जिला प्रशासन को हिदायत दी जाए कि उनको जानवरों के लाने और बेचने में कोई रुकावट न पैदा की जाए. मौलाना खालिद रशीद ने यह भी मांग की है कि तमाम इबादतगाहों में उनकी गुंजाइश को देखते हुए 50 प्रतिशत इबादत करने वालों को एक समय में जाने की अनुमति दी जाए.
मौलाना ने की अपील
मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने आवाम से अपील की कि जिस तरह शब-ए-बरात, रमजान और ईद-उल-फितर से लेकर अब तक सुरक्षा के उपायों पर हम सब ने अमल किया है, उसी तरह ईद-उल-अजहा यानी बकरीद के अवसर पर भी कुर्बानी के सिलसिले में अमल करें. मौलाना ने कहा कि 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे और 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग कुर्बानी के जानवरों को खरीदने व बेचने में शामिल न हों. इसी के साथ मौलाना ने हिदायत दी कि हर साल की तरह इस साल भी गलियों और रास्तों के किनारों पर कुर्बानी को अंजाम न दिया जाए.