लखनऊ:मुस्लिम स्कॉलर और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना डॉक्टर कल्बे सादिक के चालीसवें की मजलिस रविवार को राजधानी लखनऊ के इमामबाड़ा गुफ्रामाब में आयोजित होगी. जिसे वरिष्ठ शिया धर्मगुरु आयतुल्लाह अकील उल गेहेरवीं संबोधित करेंगे. इस मौके पर बड़ी संख्या में कल्बे सादिक के चालीसवें की मजलिस में लोगो के आने की उम्मीद जताई जा रही है.
मौलाना कल्बे सादिक के चालीसवें की मजलिस आज, कई नामचीन हस्तियां करेंगी शिरकत - all india muslim personal law board
मुस्लिम स्कॉलर और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना डॉक्टर कल्बे सादिक के चालीसवें की मजलिस रविवार को राजधानी लखनऊ के इमामबाड़ा गुफ्रामाब में आयोजित होगी. जिसे वरिष्ठ शिया धर्मगुरु आयतुल्लाह अकील उल गेहेरवीं संबोधित करेंगे.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में वरिष्ठ शिया धर्मगुरु और मुस्लिम स्कॉलर मौलाना डॉक्टर कल्बे सादिक के चालीसवें की मजलिस रविवार को आयोजित होगी. पुराने लखनऊ के चौक स्तिथ गुफ्रामाब इमामबाड़े में दोपहर 1 बजे मजलिस का आयोजन होगा. इस मजलिस में देश की कई नामचीन हस्तियां शामिल होने की उम्मीद है. जिसमें मुस्लिम धर्मगुरु, राजनेता, समाजिक कार्यकर्ता, लेखक और मौलाना कल्बे सादिक के चाहने वाले बड़ी तादाद में शामिल होंगे.
कल्बे सादिक देश की बड़ी हस्तियों में शुमार किये जाते थे. मौलाना कल्बे सादिक मुसलमानों की सबसे बड़ी संस्था ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष भी रहे हैं. इसके अलावा मौलाना की पहचान मुस्लिम स्कॉलर और शिक्षा के क्षेत्र में भी थी. मौलाना कल्बे सादिक के चाहने वाले देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी पाए जाते हैं. क्योंकि मौलाना कल्बे सादिक अपनी तकरीरों के जरिए अलग-अलग धर्मों के लोगों को एकता के रास्ते में चलने के साथ जोड़ने का काम करते थे और शिया-सुन्नी मुसलमानों के बीच की दूरियों को मिटाने के लिए प्रयासरत रहते थे.
सभी धर्म करते थे मौलाना कल्बे सादिक का सम्मान
मुस्लिम स्कॉलर मौलाना कल्बे सादिक मुसलमानों के साथ दूसरे धर्मों के लोगों के बीच भी लोकप्रिय माने जाते रहे है. मौलाना का शिक्षा का क्षेत्र में योगदान और हिन्दू-मुस्लिम एकता के लिए किए गए कामों के चलते सभी धर्म उनका सम्मान करते थे. मौलाना कल्बे सादिक दूसरे धर्मो के कार्यक्रमों में शिरकत करने वक्त की पाबंदी के साथ सबसे पहले पहुंचते थे.