लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सरकार से करीबी रखने वाले नौकरशाह सेवानिवृत्ति के बाद भी महत्वपूर्ण पदों पर तैनाती पाने में कामयाब हैं. पहले भी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार हो या उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री एक करीबी रहे तमाम अफसरों को रिटायरमेंट के बाद भी अहम जिम्मेदारियां दी जाती रही हैं, लेकिन हाल के दिनों में यह चलन और बढ़ गया है. हाल ही में सेवानिवृत्त हुए वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अरविंद कुमार को औद्योगिक सलाहकार के पद पर तैनाती दी गई. इससे पहले प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह रहे अवनीश अवस्थी को रिटायरमेंट के बाद मुख्यमंत्री का सलाहकार बनाया गया. दरअसल कुछ अधिकारी सत्ता के समीकरण भली भांति समझते हैं और अपने रिटायरमेंट के पहले ही आगे का जुगाड़ बैठा लेते हैं. यही नहीं ऐसे अधिकारी मुख्यमंत्री और सरकार पर अपने कामकाज का प्रभाव जमाने में कामयाब रहते हैं. यही कारण है कि उन्हें आसानी से सेवानिवृत्त के बाद भी अवसर मिल जाता है.
Opportunities After Retirement : नौकरशाहों को दूसरी पाली में भी खूब मिल रहे मौके - UP Bureau Chief Alok Tripathi
उत्तर प्रदेश के नौकरशाहों को रिटायरमेंट के बाद एक्सटेंशन और सरकार में अहम जिम्मेदारी देने का चलन काफी पुराना है. हालांकि मौजूदा सरकार में यह चलन बढ़ा है. इसके राजनीतिक और व्यक्तिगत तमाम मायने हैं. यह चलन युवा पीढ़ी को बिचलित करने वाला जरूर है. पढ़ें यूपी के ब्यूरो चीफ आलोक त्रिपाठी का विश्लेषण.
पूर्व आईपीएस शैलेन्द्र कुमार और पूर्व आईएएस अधिकारी राम बहादुर भी सक्रिय राजनीति में हैं. इसी तरह परिवहन निगम में पूर्व आईएएस अधिकारी जगतराम को रखा गया है. वह अब प्रदेश भर में परिवहन निगम की परिसंपत्तियों का मूल्यांकन करेंगे. प्रवीर में कुमार यूपी एसएससी तो राजीव कुमार चेयरमैन रेरा बनाए गए हैं. यही नहीं दुर्गा शंकर मिश्रा लगातार प्रदेश के मुख्य सचिव पद पर एक्सटेंशन पा रहे हैं. स्वाभाविक है कि इन सब अधिकारियों में काबिलियत तो है ही साथ ही उन्होंने सरकार का विश्वास भी जीता है. यही कारण है कि इन्हें मौके दर मौके मिले हैं.