लखनऊःपति की लंबी उम्र और संतान के सुनहरे भविष्य के लिए सुहागिनों ने शुक्रवार सुबह वट सावित्री का पूजन किया. वट सावित्री पूजा सोमवती अमावस्या तक मनाई जाती है. शुक्रवार 22 मई को ही शनि अमावस्या होने पर शनि जयंती भी मनाई जा रही है.
जेठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या को होती है वट सावित्री पूजा
ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र ने ईटीवी भारत को बताया की जेठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या को वट सावित्री पूजा की जाती है. इस दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर पति के लिए अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं. इस बार वट सावित्री व्रत 22 मई शुक्रवार को मनाई जा रही है.
शोभन योग में होगी पूजा
ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र ने बताया इस बार वट सावित्री पूजन और शनि जयंती पर शुभ और कल्याणकारी कृतिका नक्षत्र शुभ योग बन रहा है. उन्होंने कहा ऐसी मान्यता है कि सावित्री ने अपने पति के जीवन के लिए बरगद के पेड़ के नीचे तपस्या की थी, इसलिए इसे वट सावित्री व्रत कहा जाने लगा.