लखनऊ :इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना और पैगम्बर मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन की शहादत के गम में मनाया जाने वाला मोहर्रम का आगाज़ बुधवार से होगा. सोमवार देर शाम शिया और सुन्नी चांद कमेटियों ने मोहर्रम का चांद नहीं नज़र आने की तज़दिक की. यौमे आशूरा 20 अगस्त को मनाया जाएगा.
सोमवार देर शाम राजधानी लखनऊ में मरकजी चांद कमेटी फिरंगी महल के अध्यक्ष और मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद ने चांद नहीं नज़र आने के साथ मोहर्रम की पहली तारीख का ऐलान किया. मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि यौमे आशूर 20 अगस्त को मनाया जाएगा.
सोमवार को वरिष्ठ मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने आवाम के नाम वीडियो संदेश जारी कर कहा कि अभी भी कोविड प्रोटोकॉल लागू है और संक्रमण दोबारा से बढ़ रहे हैं इसलिए प्रोटोकॉल का पालन हम सबको करना है और कहीं पर भी भीड़ जमा नहीं करनी है.
मौलाना ने कहा कि तीसरी लहर के खतरें को देखते हुए किसी भी जगह भीड़ इखट्टा न करें और अफवाहों पर ध्यान न दें. मौलाना ने बताया कि हर वर्ष ईदगाह में होने वाले जलसों को इस वर्ष रद्द कर दिया गया है और ऑनलाइन उनका प्रसारण इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के पेज पर किया जाएगा.
हर वर्ष मोहर्रम के चांद के दीदार होने के बाद से ईदगाह लखनऊ में इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया की ओर से इस्लामिक जलसो का आयोजन किया जाता है. इन जलसों में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग लखनऊ और आस-पास के इलाकों से शिरकत करते हैं.