लखनऊ : राजधानी लखनऊ में करवा चौथ (Karva Chauth) को लेकर बाजार गुलजार हो चुके हैं. बीते दो सालों से कोविड के कारण कोई भी त्यौहार धूमधाम व हर्षोउल्लास के साथ नहीं मनाया गया है. इस बार कोविड का असर यूपी में थोड़ा कम है. इसलिए त्यौहार को लेकर लोगों में उत्सुकता देखने को मिल रही है.
खासकर करवाचौथ को लेकर महिलाओं में अलग ही खुशी देखने को मिल रही है. कोविड के बाद इस बार बाजार में कुछ नए तरीके की छननी और करवाचौथ थाल आई है. इस संबंध में महिलाओं ने कहा कि करवाचौथ पर महिलाएं पूरे दिन निर्जल व्रत रहतीं हैं.
साथ ही शाम होने के बाद पूजापाठ करके पति के हाथों से ही पानी पीकर व्रत तोड़तीं हैं. पति की लंबी उम्र के लिए करवाचौथ का व्रत रखा जाता है. इस दिन काॅलोनी की कुछ महिलाएं एकजुट होकर करवाचौथ की कथा भी सुनतीं हैं.
दुकानदार श्याम ने बताया कि इस बार दुकान में करवाचौथ थाली और दिए लगी हुई छननी आई है जो महिलाओं को बेहद पसंद आ रही है. बताया कि बीते दो सालों से कोविड के कारण काफी नुकसान हुआ. इस बार मुनाफा होने की आस है.
करवा चौथ (Karva Chauth) को लेकर सज गए बाजार, मार्केट में आई दीए वाली छननी बताया कि करवाचौथ की थाली 150 रूपये से शुरू है. करवा 30 से 80 रुपये तक बाजार में उपलब्ध है. सबसे सस्ती और साधारण छननी 25 रुपये की है. बाकी सजी हुई छननी के दाम 50 से 70 रुपये के बीच है.
करवाचौथ पर शहर के बाजार गुलजार हो गए हैं. गहने, सौंदर्य प्रसाधन का सामान, साड़ी और चूड़ियों से लेकर मिट्टी और पीतल के करवा की खरीदारी हुई. महिलाओं ने बताया कि इस बार मनपंसद साड़ियां और उनसे मैचिंग करती चूड़ियां खरीदीं.
करवा चौथ (Karva Chauth) को लेकर सज गए बाजार, मार्केट में आई दीए वाली छननी सराफा की लगभग सभी दुकानों में महिलाओं की भीड़ रही. चोमुखापुल पर चूड़ीवाली गली में पैर रखने को भी जगह नहीं. यही हाल सौंदर्य प्रसाधन की दुकानों पर देखने को मिला. बाजार में छोटे व मध्यम साइज के बिछुए ज्यादा पंसद किए जा रहे हैं.
करवा चौथ (Karva Chauth) को लेकर सज गए बाजार, मार्केट में आई दीए वाली छननी करवाचौथ की तैयारियों को लेकर महिलाएं कोई कसर नहीं छोड़ना चाहतीं. यही कारण है कि शाम होते ही बाजार में भीड़ उमड़ने लगती है. महिलाएं अभी से खरीदारी में जुट गईं हैं. मेहंदी लगाने वालों की व ब्यूटी पार्लर में एडवांस बुकिंग होने लगी है. अधिकतर महिलाएं तो कोरोना महामारी से बचने के लिए सुरक्षा मानक अपनाने भी भूल गई हैं.
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