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जनता के अरबों हड़पने वाली कंपनी के जीएम, टीम लीडर गिरफ्तार

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Published : Nov 27, 2020, 9:06 PM IST

यूपी में अलग-अलग मार्केटिंग कंपनी बनाकर जनता के अरबों रुपये हड़पने वाली कंपनी के जीएम और टीम लीडर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. जानिए कि पुलिस ने उन्हें कहां से और कैसे गिरफ्तार किया.

सिद्वार्थ उप्रेती और आसिफ
सिद्वार्थ उप्रेती और आसिफ

लखनऊ: यूपी में मल्टीलेवल मार्केटिंग के माध्यम से जनता के अरबों रुपये हड़पने वाली रियल स्टेट कम्पनियों, शाइन सिटी, इनफिनिटी वर्ड इन्फ्रा प्रा.लि. (हेलो राइड), वास्तुम इन्फ्रालेण्ड इण्डिया प्रा.लि. के खिलाफ एसटीएफ ने कार्रवाई की है. एसटीएफ ने कंपनी के जीएम सिद्वार्थ उप्रेती और टीम लीडर आसिफ खान को राजधानी के विभूतिखण्ड थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है.

पकड़े गए आरोपी सिद्वार्थ उप्रेती और आसिफ के पास से चार मोबाइल, दो स्टाम्प पेपर और एक लाख पच्चीस हजार रुपये नकद बरामद हुए हैं. इसके साथ ही पुलिस ने एसयूवी कार, फोर्ड, इंडिवर जैसी कारें भी बरामद की हैं.

500 करोड़ रुपये जमा होने के बाद बंद की कंपनी

आईजी एसटीएफ ने बताया कि सिद्वार्थ उप्रेती ने वर्ष 2009 में इण्टरमीडिएट की परीक्षा पास करने के बाद 2011 मे रिलायंस लाइफ इंश्योरेंश कम्पनी को लखनऊ में ज्वॉइन किया. उसने वहां 2013 तक काम किया. इसके बाद 2015 में रियल स्टेट कम्पनी वसुन्धरा रियल स्टेट प्रा.लि. ज्वॉइन कर 2017 तक काम किया. इसके बाद 2018 मे इनफिनिटी वर्ड इन्फ्रा प्रा.लि. (हेलो राइड) में जीएम के पद पर ज्वॉइन कर लिया. इस कम्पनी में लगभग 500 करोड़ रुपये जमा होने के बाद उसने और उसके साथी ने कम्पनी बंद कर दी. कम्पनी का सीएमडी अभय कुशवाहा फरार हो गया.

दूसरी कंपनी में जमा कराए 200 करोड़ रुपये

इसके बाद उसने 2019 में वास्तुम इन्फ्रालैण्ड इण्डिया प्रा.लि. में भी जीएम के पद पर ज्वॉइन किया. इसमे भी रुपया इनवेस्ट करने पर 13 प्रतिशत प्रतिमाह की दर से वापस करने का प्रलोभन देकर लगभग 200 करोड़ रुपये जमा करा लिए. इस कंपनी ने अक्टूबर 2019 में क्लाइंट को रुपये वापस करने बंद कर दिए. इसके बाद फरवरी 2020 में एसटीएफ ने मुकेश सिंह, सीएमडी वास्तुम इन्फ्रालैण्ड इण्डिया प्रा.लि. को गिरफ्तार कर लिया। इस पर वह पुलिस से छिपकर रहने लगा. मुकेश सिंह की गिरफ्तारी के बाद उस पर और उसकी कम्पनी पर दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं.

आसिफ खान ने 2010 से शुरू किया था काम
आसिफ खान ने बताया कि उसने 2008 में कालीचरन डिग्री कॉलेज से बीए पास किया. इसके बाद 2010 में स्वास्तिक रियल स्टेट कम्पनी ज्वॉइन कर ली. यहां उसकी मुलाकात राशिद नसीम से हुई. कंपनी में राशिद नशीम जीएम सेल्स था. इसमें उसने 2013 तक लगभग एक करोड़ रुपये जमा कराए. यहां उसका कमीशन 6 प्रतिशत था. इसके बाद राशिद नसीम ने 2013 में अपनी खुद की कम्पनी शाइन सिटी बनाई. शाइन सिटी में आसिफ खान ने टीम लीडर के पद पर ज्वॉइन किया. 2016 तक इस कम्पनी में लगभग 40 करोड रुपये जमा कराये. यहां पर कमीशन 6.3 प्रतिशत था. उसे इस कम्पनी ने मर्सिडीज, बीएमडब्लू, इंडीवर तीन गाड़िया फाइनेंस कराकर दीं. उसे यह बताया गया कि उसके बिजनेस की वजह से यह गाड़िया उसे गिफ्ट की गयी हैं. इससे क्लाइंट को भी प्रभावित किया जा सकेगा और अधिक से अधिक रुपये कम्पनी के खातों में जमा कराए जा सकेंगे.

खुद की कंपनी भी खोली थी आसिफ ने

2016 में आसिफ खान ने यह कम्पनी छोड़ कर 2017 में अपनी खुद की कम्पनी मार्टिजा साइबर हाइट्स, विभूतिखण्ड में खोली. यहां उसे करोड़ों का नुकसान हो गया. इसके बाद उसने 2019 में वास्तुम इन्फ्रालैण्ड इण्डिया प्रा.लि. में टीम लीडर के पद पर ज्वॉइन किया. यहां पर 6 प्रतिशत कमीशन था. इस कम्पनी में उसने अपनी टीम के साथ मिलकर लगभग 30 करोड़ रुगये जमा कराए. अक्टूबर 2019 में इस कम्पनी ने क्लाइंट को रुपये देने बंद कर दिए. फरवरी 2020 में एसटीएफ ने मुकेश सिंह की गिरफ्तारी कर लिया. इसके बाद से आसिफ खान पुलिस से छिपकर रह रहा था. दोनों के खिलाफ विभूतिखण्ड थाने में कई मुकदमे दर्ज हैं. आईजी एसटीएफ ने बताया कि दोनों के बारे में अन्य जानकारी एकत्र की जा रही है.

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