लखनऊ :बिहार में आधा दर्जन से ज्यादा माओवादी नेताओं की हत्या करके अपराध की दुनिया में दबदबा बनाने वाले कुख्यात नितेश सिंह उर्फ महाराज को यूपी एसटीएफ ने सोमवार को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया. बिहार में उसके खिलाफ हत्या, लूट, डकैती और अपहरण के 17 मुकदमे दर्ज हैं. दोनों प्रदेश की पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी. एसएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि पकड़ा गया महाराज उत्तर बिहार के शिवहर, सीतामढ़ी, मोतिहारी और मुजफ्फरपुर जिलों में आतंक के पर्याय बना हुआ था. वह प्रतिबन्धित संगठन आजाद हिन्द फौज का स्वंयभू सरगना है. बिहार पुलिस ने उस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था. नीतेश कुमार सिंह उर्फ महाराज ग्राम, पोस्ट व थाना तरियानी छपरा, जनपद शिवहर, बिहार का रहने वाला है. उसे विभूतिखंड स्थित अवध बस स्टैंड से पकड़ा गया है.
चाचा और साले की हत्या के बदले उठाया था हथियार : एसएसपी के मुताबिक पूछताछ में महाराज ने बताया की बताया कि उसके बचपन में बिहार में माओवादियों का आतंक था. वह अक्सर गांव में घुसकर बेगुनाह लोगों की हत्याएं करते थे. इन्हीं माओवादियों ने उसके साले, चाचा और चचेरे भाई की हत्या कर दी थी. इसका बदला लेने के लिए उसने आजाद हिंद फौज नाम से संगठन बनाया. संगठन में युवाओं को जोड़कर उन्हें हथियार चलाना सिखाया. इसके बाद असलहे के दम पर माओवादियों का विरोध और उनका सामना करने लगा.
मोतिहारी के सामूहिक हत्याकांड का है मुख्य आरोपी : महाराज ने पुलिस को बताया कि माओवादी नेता कैलाश राम, रामचन्द्र साहनी, शिवजी राम, सुनील गुप्ता आदि माओवादी नेताओं की हत्या की थी. मोतीहारी जनपद के पकड़ी दयाल में हुए सामूहिक हत्याकांड का भी आरोपी रहा है. उसके खिलाफ सीतामढ़ी, मोतीहारी, शिवहर और मुजफ्फरपुर जिलों में डेढ़ दर्जन से अधिक जघन्य आपराधिक अभियोग दर्ज हैं. कई बार अलग-अलग मुकदमों में जेल जा चुका है. यह भी बताया कि वर्ष 2019 में स्थानीय प्रभावशाली व्यक्ति राजेश राय की हत्या के बाद से फरार चल रहा था.
Maoist leaders killer arrested : माओवादी नेताओं का हत्यारा बिहार का महाराज लखनऊ में गिरफ्तार
माओवादी नेताओं की हत्या करके अपराध की दुनिया में दबदबा बनाने वाले कुख्यात नितेश सिंह उर्फ महाराज को यूपी एसटीएफ ने सोमवार को लखनऊ में गिरफ्तार (Maoist leaders killer arrested ) कर लिया. एसटीएफ के अनुसार महाराज ने साले, चाचा और चचेरे भाई की हत्या के बाद जरायम की दुनियों में कदम रखा. इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा.
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