लखनऊ : झूंसी स्टेशन के यार्ड रिमॉडलिंग और बनारस-प्रयागराज खंड के झूंसी-रामनाथपुर (11 किमी.) के पैच दोहरीकरण कार्य के कारण रेल प्रशासन ने ट्रेनों का मार्ग परिवर्तन और रीशेड्यूलिंग व रेगुलेशन करने का निर्णय लिया गया है. यह जानकारी देते हुए उत्तर रेलवे की वरिष्ठ मण्डल वाणिज्य प्रबन्धक रेखा शर्मा ने बताया कि ट्रेन नम्बर-22436/22435 (नई दिल्ली-वाराणसी-नई दिल्ली) 18 से 28 मार्च तक अपने परिवर्तित मार्ग प्रयागराज-प्रयागराज रामबाग-वाराणसी के स्थान पर अपने निर्धारित मार्ग प्रयागराज-प्रयाग-जंघई-वाराणसी के रास्ते, 01027 (दादर-बलिया) 26 मार्च को अपने निर्धारित मार्ग प्रयागराज-प्रयागराज रामबाग-बनारस-वाराणसी के स्थान पर परिवर्तित मार्ग प्रयागराज-प्रयाग-जंघई-वाराणसी के रास्ते, 01028 (बलिया-दादर) 27 मार्च को अपने निर्धारित मार्ग वाराणसी-बनारस-प्रयागराज रामबाग-प्रयागराज के स्थान पर परिवर्तित मार्ग वाराणसी-जंघई-प्रयाग-प्रयागराज के रास्ते, 19421 (अहमदाबाद-पटना) 26 मार्च को अपने निर्धारित मार्ग प्रयागराज-प्रयागराज रामबाग-बनारस-वाराणसी के स्थान पर परिवर्तित मार्ग प्रयागराज-प्रयाग-जंघई-वाराणसी के रास्ते चलायी जाएगी, वहीं 15003 (कानपुर अनवरगंज-गोरखपुर) 27 मार्च को कानपुर अनवरगंज से 105 मिनट की देरी से चलेगी तथा उत्तर मध्य रेलवे मे 45 मिनट, 22669 (एणार्कुलम-पटना) 25 मार्च को उत्तर मध्य रेलवे मे 60 मिनट तथा 12559 (बनारस-नई दिल्ली) 27 मार्च को 30 मिनट नियंत्रित कर संचालित की जाएगी.
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यार्ड रिमॉडलिंग और दोहरीकरण कार्य के कारण ट्रेनों के मार्ग परिवर्तन और रीशेड्यूलिंग व रेगुलेशन करने का निर्णय लिया गया है.
लखनऊ जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर छह पर बने वीआईपी एसी लाउंज की बदहाली दूर होने वाली है. पूर्वोत्तर रेलवे इसको खोलने की तैयारी कर रहा है. अप्रैल में इसके लिए टेंडर आमंत्रित किया जाएगा, जिसके बाद इसको मई या जून के पहले सप्ताह तक खोल दिया जाएगा. इस लाउंज के खुलने से भीषण गर्मी में यात्रियों को काफी सहूलियत हो जाएगी. 2019 में यात्रियों के लिए इसको बनाया गया था. उसके बाद कोविड आया और शुरू होने से पहले ही ताला लटक गया. इसके बाद से तीन साल बाद भी इसको शुरू नहीं किया जा सका. यात्रियों के इंतजार में बदहाली की कगार पर आ गया है. इसके पोर्च में फाइबर शीट से बना शेड भी टूटने लगा है. अधिकारियों ने बताया कि लखनऊ जंक्शन पर यात्रियों के बैठने के लिए वेटिंग एरिया पर्याप्त है. लेकिन, गर्मियों में यात्रियों की समस्याओं को देखते हुए इसको शुरू किया जाएगा. गौरतलब है कि लखनऊ जंक्शन से प्रतिदिन करीब 18 गाड़ियां चलती हैं, जिनसे प्रतिदिन 25 से 30 हजार यात्री आवागमन करते हैं. पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि कोविड के बाद इसको विपरित परिस्थितियों में शुरू नहीं किया जा सका था. यात्रियों की सुविधा को देखते हुए इसको जल्द शुरू किया जाएगा.
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