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जब व्यवस्था लागू करने में होगी लापरवाही तो कैसे मदद को बढ़ेंगे हाथ

उत्तर प्रदेश में प्रतिवर्ष सड़क हादसों में हजारों लोग अपनी जान गंवाते हैं. इन सड़क हादसों में जान जाने का एक बड़ा कारण यह भी होता है कि दुर्घटना के बाद लोग मदद के लिए आगे नहीं आते हैं. जानिए सड़क हादसे में कितने लोगों की होती है मौत. पढ़ें रिपोर्ट.

जब व्यवस्था लागू करने में होगी लापरवाही तो कैसे मदद को बढ़ेंगे हाथ
जब व्यवस्था लागू करने में होगी लापरवाही तो कैसे मदद को बढ़ेंगे हाथ

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Published : Dec 16, 2020, 11:42 PM IST

लखनऊ: प्रदेश में प्रतिवर्ष सड़क हादसों में हजारों लोगों की जान जाती है. सड़क हादसे में जान जाने का एक बड़ा कारण यह है कि एक्सीडेंट के बाद लोग मदद के लिए आगे नहीं बढ़ते हैं. आज भी लोगों को ऐसा लगता है कि अगर वह किसी रोड एक्सीडेंट में लोगों की मदद करेंगे तो पुलिस उनसे पूछताछ करेगी, जबकि ऐसा नहीं है. कोर्ट के निर्देशों के तहत रोड एक्सीडेंट के दौरान मदद करने वाले व्यक्ति को पुलिस गवाह नहीं बनाएगी.

यूपी में सड़क हादसे.

लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए बनाई गई थी व्यवस्था
रोड एक्सीडेंट के दौरान लोग पीड़ित की मदद करें, इसके लिए नेक आदमी प्रोत्साहन की व्यवस्था बनाई गई थी, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते व्यवस्थाओं का फायदा लोगों को नहीं मिल पा रहा है. ट्रांसपोर्ट कमिश्नर धीरज साहू ने नेक आदमी प्रोत्साहन व्यवस्था को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में बताया कि इस तरह की योजना तैयार की गई थी, लेकिन अभी तक इसका अनुमोदन नहीं किया जा सका है. यह व्यवस्था लाइन में है, जिसे भविष्य में लागू किया जाएगा.

एमबी एक्ट में किया गया था संशोधन
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद एमबी एक्ट में संशोधन कर ने नेक आदमी प्रोत्साहन योजना की रूपरेखा तैयार की गई थी. 2019 में संशोधन के बाद एक्सीडेंट के दौरान मदद करने वाले व्यक्ति को नेक आदमी मानते हुए उसे 2000 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जानी थी, लेकिन उत्तर प्रदेश में संशोधन के बाद भी अभी तक एक भी व्यक्ति को नेक आदमी प्रोत्साहन योजना के तहत सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई.

नहीं तैयार हुई नियमावली
एडीसीपी ट्रैफिक पूर्णेन्दु सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि एमबी एक्ट 1988 में संशोधन करते हुए एक आदमी प्रोत्साहन योजना की व्यवस्था लागू की गई थी. जिसके बाद ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट को इस व्यवस्था को लागू करने के लिए नियमावली तैयार करनी थी, लेकिन अभी तक नियमावली तैयार नहीं हुई है. जिसके चलते आम आदमी को इस नेक आदमी प्रोत्साहन योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

क्या कहते हैं आंकड़े
वर्ष 2019 में जनवरी से लेकर सितंबर तक कुल 32,255 रोड एक्सीडेंट हुए थे. वहीं, वर्ष 2020 में सितंबर माह तक 23618 एक्सीडेंट हुए हैं. वर्ष 2019 में सितंबर माह तक 17235 लोगों की रोड एक्सीडेंट में मौत हुई है. वर्ष 2020 में सितंबर माह तक 13223 लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत हुई है.

लखनऊ में सड़क दुर्घटना में मृतकों संख्या में दर्ज की गई गिरावट
राजधानी लखनऊ की बात करें तो वर्ष 2019 में 1272 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गई थी. वहीं वर्ष 2020 में 802 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गई है. वर्ष 2020 में सितंबर माह तक 407 लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत हुई, वर्ष 2020 में सितंबर माह तक 358 लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत हुई.

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