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कई नेताओं की जीत की हैट्रिक देखकर अब बाकियों का भी मचलने लगा मन

यूपी में कई ऐसे भी नेता हैं जो जनता की नब्ज पकड़कर चुनाव लड़ रहे हैं. जनता के बीच जा रहे हैं और लोकसभा में अपने संसदीय क्षेत्र या फिर संसद क्षेत्र को बदलकर लगातार कई बार जीत दर्ज की. यहां तक की कई नेता ऐसे भी हैं जिन्होंने अपनी जीत की हैट्रिक भी लगायी है.

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Published : Apr 1, 2019, 7:51 PM IST

Updated : Apr 25, 2019, 8:04 AM IST

कई नेता लगा चुके हैं जीत की हैटट्रिक.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सियासत में दमखम रखने वाले नेताओं में ऐसे नेता भी हैं जो लगातार एक ही सीट या फिर अपनी सीट बदल कर दूसरी सीट से चुनाव लड़े और संसद तक का सफर तय किया. इनमें मुख्य रूप से कांग्रेस अध्यक्ष रहीं रायबरेली से सांसद सोनिया गांधी, उनके पुत्र और कांग्रेस के वर्तमान अध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी संसदीय क्षेत्र से लगातार चुनाव जीते हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को उत्तर प्रदेश में सिर्फ दो ही सीटें मिलीं और कांग्रेस पार्टी कहीं अन्य सीट पर जीत नहीं दर्ज कर पाई.

कई नेता लगा चुके हैं जीत की हैट्रिक.

2019 के लोकसभा चुनाव में भी सोनिया गांधी रायबरेली और राहुल गांधी अमेठी से चुनाव मैदान में हैं और एक बार फिर जीत के लिए मेहनत कर रहे हैं. इस बार खास बात यह भी है कि राहुल गांधी अमेठी के साथ ही केरल की वायनाड सीट से भी चुनाव लड़ने जा रहे हैं. अमेठी और रायबरेली सीट कांग्रेस पार्टी की परंपरागत सीट मानी जाती है. ऐसे में दूसरे दल इन सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए काफी मशक्कत भी करते रहते हैं लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल पाई.

सोनिया गांधी व राहुल गांधी (फाइल फोटो).

इसी तरह समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेताओं में शुमार पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव भी मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र से कई बार चुनाव जीतकर संसद का सफर किया है. मुलायम सिंह यादव 2014 के लोकसभा चुनाव में मैनपुरी सीट बदल कर आजमगढ़ गए और वहां से भी चुनाव जीतकर संसद पहुंच गए. अब एक बार फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने अपने लोकसभा क्षेत्र बदल दिया है और वह इस बार अपनी परंपरागत सीट मैनपुरी से चुनाव मैदान में उतरे हैं. मुलायम सिंह यादव के भतीजे धर्मेंद्र यादव भी बदायूं क्षेत्र से चुनाव जीतकर अपनी हैट्रिक लगाई है. इस बार फिर धर्मेंद्र यादव बदायूं से ही चुनाव मैदान में उतरे हैं.

मुलायम सिंह यादव (फाइल फोटो).

बात अगर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की की जाए तो इन नेताओं की फेहरिस्त काफी लंबी है, जिन्होंने हैट्रिक लगाई है या फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में हैट्रिक लगाने के लिए चुनाव मैदान में उतर चुके हैं. अब देखने वाली बात होगी कि यह नेता 2019 के लोकसभा चुनाव में अपनी हैट्रिक लगा पाते हैं या फिर नहीं.

देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह 2019 के लोकसभा चुनाव में हैट्रिक लगाने के लिए लखनऊ लोकसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में हैं. राजनाथ सिंह भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में शुमार होते हैं और वह भाजपा के स्टार प्रचारक भी हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में राजनाथ सिंह भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक पंडित अटल बिहारी बाजपेई की कर्मभूमि लखनऊ से चुनाव लड़े और संसद का सफर किया. इससे पहले 2009 के लोकसभा चुनाव में राजनाथ सिंह गाजियाबाद लोकसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरे थे और अपनी जीत दर्ज की थी.

राजनाथ सिंह (फाइल फोटो).

इसी प्रकार भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और फायरब्रांड नेताओं में शुमार वरुण गांधी भी हैट्रिक लगाने के लिए चुनाव मैदान में उतरे हैं. वह इस बार पीलीभीत सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में वह सुल्तानपुर से जीत दर्ज करके संसद पहुंचे थे. इस बार उनकी मां केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी सुल्तानपुर से चुनाव लड़ रही हैं. वह पिछली बार पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीती थीं.

मेनका गांधी और साथ में बैठे वरुण गांधी (फाइल फोटो).

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता संतोष कुमार गंगवार भी बरेली लोकसभा क्षेत्र से 1989 से लगातार चुनाव जीत रहे हैं. बीच में 2009 के लोकसभा चुनाव में पराजित हो गए थे और कांग्रेस पार्टी के नेता प्रवीण सिंह ऐरन ने जीत दर्ज की थी. जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में फिर संतोष कुमार गंगवार ने जीत दर्ज की और लोकसभा पहुंचे. अब एक बार फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में संतोष कुमार बरेली क्षेत्र से चुनाव मैदान में हैं.

संतोष गंगवार (फाइल फोटो).

इसी तरह कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र से सांसद दबंग छवि के बाहुबली बृजभूषण शरण सिंह एक बार फिर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए मैदान में हैं. वह 2014 का लोकसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर जीते थे, तो इससे पहले 2009 का चुनाव उन्होंने समाजवादी पार्टी के सिंबल पर लड़ा था.

बृजभूषण शरण सिंह (फाइल फोटो).

डुमरियागंज लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के नेता जगदंबिका पाल एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं. इससे पहले 2009 का चुनाव जगदंबिका पाल ने कांग्रेस पार्टी के सिंबल पर लड़ा था और फिर 2014 का चुनाव से पहले वह भाजपा में शामिल हो गए और डुमरियागंज से टिकट लेकर चुनाव जीते.

जगदंबिका पाल (फाइल फोटो).

महाराजगंज सीट से 2014 में चुनाव जीते पंकज चौधरी एक बार फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट से चुनाव मैदान में उतरे हैं. पंकज चौधरी 2004 और उससे पहले 1998, 1996, 1991 का लोकसभा चुनाव बीजेपी के टिकट पर जीते थे.

पंकज चौधरी (फाइल फोटो).

मेरठ लोकसभा क्षेत्र से सांसद बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र अग्रवाल एक बार फिर चुनाव मैदान में है और वह हैट्रिक लगाने की फिराक में हैं. इससे पहले 2014 और 2009 का लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर संसद तक का सफर किया है.

राजेंद्र अग्रवाल (फाइल फोटो).


बांसगांव लोकसभा क्षेत्र से सांसद कमलेश पासवान एक बार फिर लोकसभा चुनाव बीजेपी के टिकट पर लड़ रहे हैं. वह लगातार कई बार से बांसगांव सीट से चुनाव जीते हैं.

कमलेश पासवान (फाइल फोटो).


राजनीतिक विश्लेषक प्रोफेसर रविकांत कहते हैं कि यह जो नेता लगातार चुनाव जीत रहे हैं वह जनता की नब्ज पकड़ चुके हैं जनता के बीच समय देते हैं और काम करते हैं यह वह शख्सियत है जो अपनी विचारधारा को लेकर आगे बढ़ रहे हैं और क्षेत्र में काम भी करते हैं इसके अलावा तमाम ऐसे नेता है जो सिर्फ महत्वाकांक्षाएं लेकर चुनाव मैदान में तो आते हैं लेकिन हवा हो जाते हैं जबकि कुछ शख्सियत ऐसी रहती हैं जो जनता की नब्ज को पकड़कर चुनाव लड़ते हैं और लगातार अपनी जीत दर्ज करते हैं यह लोकतंत्र के लिए अच्छी बात भी होती है.

Last Updated : Apr 25, 2019, 8:04 AM IST

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