लखनऊ: पिछले कई वर्षों से एक ही जिले में तैनात करीब तीन दर्जन से ज्यादा आईएएस अधिकारी इलेक्शन कमीशन के रडार पर हैं. इसके अलावा तमाम पीसीएस अधिकारी भी इलेक्शन कमीशन (Election Commission) की नजर में हैं. विधानसभा चुनाव 2022 (Assembly Election 2022) से पहले इलेक्शन कमीशन के निर्देश पर राज्य सरकार पिछले तीन साल से ज्यादा समय से जिलों में तैनात अधिकारियों को हटाने का काम करेगी. इलेक्शन कमीशन के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अधिकारियों को हटाए जाने को लेकर आयोग अपने स्तर से जांच-पड़ताल कर रहा है. इसके बाद सरकार के नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग की तरफ से अधिकारियों को हटाया जाना है. इसको लेकर विभाग की तरफ से भी अधिकारियों की लिस्ट बनाने का काम किया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश में तमाम ऐसे अफसर हैं जो तमाम जिलों और अन्य महत्वपूर्ण विभागों में पिछले तीन साल पहले तैनात हुए थे. विपक्ष की तरफ से भी इन अधिकारियों को हटाकर निष्पक्ष चुनाव कराए जाने की मांग समय-समय पर निर्वाचन आयोग से की जाती रही है. अब जब चुनाव नजदीक हैं तो निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार तीन साल से अधिक समय से जिलों में तैनात पुलिस विभाग के अधिकारी, प्रशासन से जुड़े विभागों के तमाम अधिकारी, प्रवर्तन विभाग से जुड़े अधिकारी, ट्रांसपोर्ट सहित अन्य महत्वपूर्ण विभागों के अफसर निर्वाचन आयोग के रडार पर हैं. केंद्रीय निर्वाचन आयोग के निर्देश के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला की तरफ से अधिकारियों को हटाए जाने को लेकर राज्य सरकार के नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग को दिशा-निर्देश दिए जाएंगे.
आयोग के सूत्रों का कहना है कि आयोग की पड़ताल में जानकारी मिली है कि फिलहाल तीन दर्जन के करीब आईएएस अधिकारी जो जिलों में तैनात हैं, इसके अलावा करीब 100 से अधिक पीसीएस अधिकारी हैं, जो राजस्व विभाग के अंतर्गत तहसील से लेकर अन्य विभागों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं. यह सब करीब तीन साल से ज्यादा समय से एक ही जगह पर तैनात हैं. ऐसे में विधानसभा चुनाव के दौरान यह लोग कुछ सियासी समीकरण में भी फेरबदल कर सकते हैं. ऐसी स्थितियों को देखते हुए निर्वाचन आयोग निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराए जाने को लेकर अधिकारियों की लिस्ट खुद भी तैयार कर रहा है और नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग के स्तर पर अधिकारियों को हटाए जाने को लेकर जल्द ही दिशा-निर्देश देगा.