लखनऊःउत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार जब 2017 में बनी तो पहली कैबिनेट मीटिंग में किसानों की कर्ज माफी का बड़ा ऐलान हुआ था. सरकार ने दावा किया था 86 लाख किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा. सरकार के दावों से इतर उत्तर प्रदेश में मात्र 45 लाख 23 हजार किसानों को ही किसान ऋण माफी योजना का लाभ मिला. जबकि लाखों किसान अभी भी ऋण माफी के लिए दर-दर भटक रहे हैं. बैंक से लेकर कृषि विभाग के जिला से लेकर राज्य मुख्यालय तक के चक्कर काटकर किसान परेशान हो रहे हैं. वहीं तमाम एपीनए खाता धारक किसान भी हैं, जिनका लोन माफ नहीं हो पाया है.
2012 में लिया था लोन, फिर नहीं हुआ माफ
2012 में लोन लेने और कर्जमाफी का लाभ न मिलने वाले किसान ने ईटीवी भारत से अपना दर्द बयां किया. सीतापुर के थाना थानगांव के रहने वाले चंद्रहास दुबे पुत्र चुन्नू लाल द्विवेदी ने बताया कि उन्होंने साल 2012 में 80 हजार का किसान लोन लिया था, लेकिन वह अदा नहीं कर पाए. उन्हें बड़ी उम्मीद थी कि सरकार की योजना के तहत उनका कर्ज माफ हो जाएगा, लेकिन उन्हें कृषि ऋण माफी योजना का लाभ नहीं मिल पाया. चंद्रहास ने कहा कि कर्ज माफी के लिए जब वह बैंक जाते हैं तो उन्हें कृषि कार्यालय भेज दिया जाता है. इस तरह इधर से उधर एक दूसरे कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं. जबकि अधिकारी अब योजना बंद होने की बात कर रहे हैं.
सही ढंग से किसानों को लाभ नहीं मिल पाया: पवन श्रीवास्तव
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी पवन श्रीवास्तव ने ETV BHARAT से बातचीत में बताया कि सरकार ने जो स्कीम लांच की थी उसमें 31 मार्च 2016 तक स्वीकृत लोन को माफ करने की बात कही गई थी. इसमें सिर्फ क्रॉप लोन माफ करने का प्रावधान किया गया था. 31 मार्च 2016 तक जिनका पेमेंट नहीं हो पाया था, उनको कृषि ऋण माफी योजना का लाभ मिलना था. 31 मार्च 2017 तक जिन लोगों का लोन स्वीकृत होने के बावजूद पेमेंट नहीं हुआ था, उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया. इसी के साथ ही टर्म लोन, ट्रैक्टर लोन या अन्य जो टर्म लोन थे उन्हें किसान ऋण माफी योजना में शामिल नहीं किया गया.