लखनऊ: लविवि शताब्दी समारोह के दूसरे दिन रामलीला का मंचन किया गया, जिसमें राम जन्म, सीता स्वयंवर, सीता हरण और रावण वध देख दर्शक भाव विभोर हो उठे. सांस्कृतिक कला संगम दिल्ली से आए यश चौहान के समूह ने रामलीला का सजीव मंचन किया.
रामलीला मंचन के दौरान मुनि विश्वामित्र की आज्ञा मिलते ही भगवान राम ने शिव के धनुष को भंगकर जनक द्वारा स्वयंवर की शर्त को पूरा कर दिया. धनुष टूटते ही चारों ओर श्रीराम के जयकारे गूंज उठे. उसी समय भगवान परशुराम के आने पर सभी स्तब्ध हो गए. क्रोध से भरे परशुराम को देख लक्ष्मण ने डटकर उनका मुकाबला किया. सभी ने लक्ष्मण और परशुराम के संवाद का आनंद लिया. इसके पहले सीता और राम के पहली बार पुष्प वाटिका में मिलन की लीला को रोचक ढंग से प्रस्तुत किया गया.
जय श्री राम के नारों से गूंजा कैंपस
लंका के राजा रावण ने अपनी बहन के अपमान का बदला लेने के लिए सीता जी का हरण करके लंका में ले गया. यह दृश्य देख उपस्थित लोगों की आंखों से आंसू छलक पड़े. इसके बाद भगवान राम के द्वारा रावण वध होते ही जय श्री राम के नारों से पूरा कैंपस गूंज गया.
भक्तिमय बना माहौल
लखनऊ विश्वविद्यालय कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. कार्यक्रम के अंत में कुलपति ने समस्त कलाकारों की प्रशंसा करते हुए उन्हें सम्मानित किया. कहा कि ऐसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों से परिसर का माहौल भक्तिमय बना रहता है.
साइंस फेस्टिवल का हुआ शुभारंभ
लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष समारोह में गुरुवार को साइंस फेस्टिवल कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.आलोक कुमार राय और भू-विज्ञान विभाग के प्रोफेसर विभूति राय द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया. साइंस फेस्टिवल का आयोजन प्रोफेसर विभूति राय द्वारा किया गया था. विभूति राय ने जानकारी देते हुए बताया कि इस विज्ञान उत्सव में विश्वविद्यालय से विज्ञान के संकाय के कुल 9 विभागों और 3 संस्थानों ने भाग लिया. इसके अलावा लखनऊ पब्लिक कॉलेज, एमिटी यूनिवर्सिटी, चंद्रभान गुप्त कृषि कॉलेज और इंटीग्रल यूनिवर्सिटी ने भी इस उत्सव में भाग लिया.
इंस्टीट्यूट ऑफ फूड प्रोसेसिंग एंड टेक्नोलॉजी विभाग की छात्रा रुचि ने शहद और दूध उत्पादों के लिए त्वरित मिलावट परीक्षण प्रदर्शित किए. उन्होंने घर बैठे ही मिलावटी दूध, मिलावटी कश्मीरी मिर्च, मिलावटी चाय की पत्ती और अन्य घरेलू सामग्रियों की गुणवत्ता किस तरह से देख सकते हैं, इसकी भी जानकारी दी. वहीं चंद्रभान गुप्ता कृषि कॉलेज के सहायक आचार्य सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि हम लोग जैविक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि आज के समय में लोग परंपरागत खेती कर रहे हैं. हम लोग आधुनिक खेती की ओर बढ़ रहे हैं, जिसमें मसाला वर्गीय फसलों को बढ़ावा दे रहे हैं. खास तौर पर अदरक और हल्दी पर हम फोकस कर रहे हैं, क्योंकि इनसे ही किसानों की आय बढ़ सकती है.
स्पोर्ट्स फेस्टिवल का किया गया आयोजन
लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष समारोह के दूसरे दिन की शुरुआत स्पोर्ट्स फेस्टिवल से हुई. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने ईटीवी से बातचीत के दौरान बताया कि लखनऊ विश्वविद्यालय अपना शतब्दी वर्ष समारोह मना रहा है. इस कार्यक्रम की शुरुआत 19 नवम्बर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा के द्वारा हुई थी. उन्होंने बताया कि दूसरे दिन स्पोर्ट्स फेस्टिवल कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसकी शुरुवात योग शिविर से हुई. उसके बाद बास्केट बॉल और बॉलीबाल का प्रोग्राम का आयोजन किया गया. फिर अपराह्न साइंस फेस्टिवल का कार्यक्रम रखा गया और शाम को रामलीला कार्यक्रम का आयोजन रखा गया.
स्पोर्ट्स फेस्टिवल का आयोजन. छात्रों को बास्केट बॉल खेलते हुए देखकर विवि के कुलपति भी अपने आप को रोक नहीं पाए. मैच के अंत में वे भी भी बास्केटबॉल में बॉल डालते दिखाई दिए. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व मंत्री अरविंद कुमार गोप भी मौजूद रहे. वहीं लविवि के पूर्व स्पोर्ट्स चैयरपर्सन नीरज जैन ने कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस स्पोर्ट्स फेस्टिवल का मकसद पुराने छात्रों और नए छात्रों के बीच परिचय करना था. दूसरा लविवि अपना शतब्दी वर्ष के रूप में मना रहा है तो उसका मकसद मैसेज देना है कि विश्वविद्यालय पढ़ाई के साथ साथ खेल में भी पीछे नहीं है.
पूर्व छात्रों और छात्राओं का दिखा जलवा
स्पोर्ट्स फेस्टिवल का उद्घाटन उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री एवं लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष अरविंद सिंह गोप और कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय द्वारा किया गया. लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों और वर्तमान छात्रों के बीच बास्केटबॉल में उम्दा खेल का प्रदर्शन किया गया. पूर्व छात्रों में तमाम राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी मौजूद थे. कप्तान आशुतोष शुक्ला, आशीष सिंह, आलोक शुक्ला, अनूप शुक्ला और फिरोज द्वारा बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया गया. जबकि वर्तमान छात्रों में आशुतोष यादव, आकर्षण सिंह और जलगांल शाहिद खान द्वारा अच्छे खेल का प्रदर्शन किया गया. बास्केटबॉल में पूर्व छात्रों के द्वारा यह मैच 32-20 के आंकड़ों से जीत लिया गया.
दूसरा मैच बास्केटबॉल पूर्व छात्राओं और वर्तमान छात्राओं के मध्य खेला गया. यह मैच भी पूर्व छात्राओं द्वारा ही जीता गया. वर्तमान छात्राओं में मानसी प्रजापति का खेल जहां सराहनीय रहा, वहीं दूसरी ओर पूर्व छात्रों में निकिता और पूजा का खेल सराहनीय रहा. उसके तुरंत बाद वॉलीबॉल मैच का आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन लखनऊ विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर ए.एम सक्सेना द्वारा किया गया. 5 सेटों के जिस मैच में पहले दो सेट वर्तमान छात्रों द्वारा 25-22 और 26-24 के अंतर से जीता गया. तीसरा सेट पूर्व छात्रों के द्वारा 27-25 के अंतर से तथा चौथा सेट 25-23 के अंतर से जीतने के उपरांत अंतिम और निर्णायक मैच भी पूर्व छात्रों द्वारा 25-16 के अंतर से जीत लिया गया. वॉलीबॉल के संघर्षपूर्ण मुकाबले में पूर्व छात्रों की ओर से राम कुमार सिंह द्वारा बेहतरीन सर्विस दी गई. वहीं दूसरी ओर शुभम सिंह, सिराज और अभिषेक पाठक द्वारा बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया गया. वर्तमान छात्रों की ओर से उनके कप्तान मोहम्मद आसिफ, विकास सिंह और अनूप यादव द्वारा अच्छे खेल का प्रदर्शन किया गया.
बेस्ट ऑफ थ्री के तीन मैचों के निर्णायक सेट में लखनऊ विश्वविद्यालय की वर्तमान छात्राओं द्वारा उम्दा खेल का प्रदर्शन करते हुए 21-08, 21-14 से जीत लिया गया. विश्वविद्यालय की छात्राओं की कैप्टन शिवानी गुप्ता द्वारा बेहतरीन सर्विस दी गई. दूसरी ओर दीपिका, वैशाली और मिनी द्वारा अच्छे खेल का प्रदर्शन किया गया. पूर्व छात्राओं की कप्तान सोनम कुमारी द्वारा अच्छे खेल का प्रदर्शन किया गया.
पेंटिंग बनाकर दिया जागरूकता का संदेश
लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष समारोह के दूसरे दिन शुक्रवार को कला व साहित्य उत्सव का आयोजन किया गया. कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड क्राफ्ट्स की ओर से ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय दृश्य कला प्रदर्शनी आयोजित की गई, जबकि पद्मश्री योगेश प्रवीण ने विश्वविद्यालय व लखनऊ के पुराने रिश्तों से लोगों को रूबरू कराया. कॉलेज ऑफ़ आर्ट्स एंड क्राफ्ट की ओर से स्टूडेंट्स ने पेंटिंग बनाकर जागरूकता का संदेश दिया तो वहीं प्रोफेसरों ने भी अपनी कला का प्रदर्शन किया. आर्ट गैलरी में कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय कला प्रदर्शनी देखने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने बच्चों की पेंटिंग्स की जमकर तारीफ की.
पेटिंग के माध्यम से किया गया जागरूक. बीबीए के छात्र किशन आर्य ने बताया कि ह्यूमन नेचर पर पेंटिंग बनाई है, जिससे यह संदेश दिया जा रहा है कि जिस तरह मछलियों को मनुष्य खाता है. उसी तरह अगर किसी शख्स की मौत होने पर उसे पानी में बहा दिया जाता है तो मछलियां उसे खाती है. इस तरह दोनों एक दूसरे के भक्षक है. साहित्य उत्सव में पद्मश्री योगेश प्रवीण ने शिरकत की. उन्होंने कहा कि जब हम विश्वविद्यालय में पढ़ते थे तो ब्रिटिश समय जा रहा था और नया दौर आ रहा था. उस वक्त लोगों में अनुशासन और सालीका था, जो लखनऊ की असली पहचान थी. लखनऊ वाले कहीं भी जाएं, अपने अलग अंदाज से पहचाने जाते हैं. जिस तरह गुलाब फूलों में पहचान लिया जाता है, उसी तरह लखनऊ वालों को जुबान से ही लोग जान जाते हैं.