लखनऊ:रिवरफ्रंट घोटाले में सीबीआई द्वारा 40 ठिकानों पर एक साथ की गई कार्रवाई के बाद, अब परत-दर-परत नाम सामने आ रहे हैं. 1500 करोड़ रुपए की लागत से गोमती नदी पर बने रिवर फ्रंट मामले की जांच की आंच बढ़ती जा रही है. सीबीआई की तरफ से जिन लोगों को रिवर फ्रंट घोटाले में शामिल किया गया है, उनमें मुख्य रूप से सिंचाई विभाग के अभियंताओं और उस वक्त के तमाम वरिष्ठ अधिकारियों के नाम शामिल हैं.
इनके ऊपर है जांच की आंच
रूप सिंह यादव तत्कालीन अधीक्षण अभियंता, शिवमंगल यादव तत्कालीन अधीक्षण अभियंता, सिद्ध नारायण शर्मा तत्कालीन मुख्य अभियंता, ओम वर्मा तत्कालीन मुख्य अभियंता बरेली, काजिम अली तत्कालीन मुख्य अभियंता, जीवन राम यादव तत्कालीन अधीक्षण अभियंता, सुरेंद्र कुमार पाल तत्कालीन अधीक्षण अभियंता, कमलेश्वर सिंह तत्कालीन अधीक्षण अभियंता के नाम सामने आ रहे हैं. इसके अलावा कांट्रेक्टर पुनीत अग्रवाल और अखिलेश यादव सरकार में राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त नितिन गुप्ता के नाम शामिल हैं.
बीजेपी विधायक के भाई का भी नाम आ रहा सामने
इस घोटाले में भारतीय जनता पार्टी के विधायक राकेश सिंह बघेल के भाई का भी नाम सामने आ रहा है. इसी प्रकार मोहम्मद आसिफ खान मैसर्स तराई कंस्ट्रक्शन से जुड़े हैं, मोहन गुप्ता, अंकेश कुमार सिंह, सत्येंद्र त्यागी, विक्रम अग्रवाल, अखिलेश कुमार सिंह, नितिन गुप्ता के नाम मुख्य रूप से इस घोटाले से जुड़े हुए हैं. समाजवादी पार्टी सरकार में तत्कालीन प्रमुख सचिव सिंचाई विभाग दीपक सिंघल का नाम भी इस घोटाले से जोड़ा जा रहा है. चूंकि इनकी निगरानी में ही तमाम तरह की टेंडर प्रक्रिया पूरी हुई थी.