लखनऊ:राजधानी समेत उत्तर प्रदेश के कई जिले इन दिनों बिजली संकट से जूझ रहे हैं. ग्रामीण इलाके ही नहीं शहरी इलाकों में भी उपभोक्ताओं को जबरदस्त बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है. वहीं लखनऊ की बात करें तो यहां भी शायद ही कोई ऐसा दिन होगा जब बिजली कटौती न हो रही हो. दिन हो या रात, बिजली के लिए लोगों को अब तरसना पड़ रहा है. ओवरलोड ट्रांसफार्मर दगा दे रहे हैं. नए उपकेंद्र जो बनकर तैयार हो जाने चाहिए थे उनका काम आधा-अधूरा पड़ा है. जर्जर तारों को सुधारने के लिए बिजली विभाग की नींद अब खुली है. यही कारण है कि लोगों को बिजली की समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है. आने वाले महीनों में और भी ज्यादा विकराल गर्मी पड़ेगी. ऐसे में लोगों को और भी ज्यादा बिजली की परेशानी उठानी पड़ सकती है.
बीते साल मार्च माह में 18,593 मेगावाट और अप्रैल में 19,837 मेगावाट की बिजली की मांग थी. लेकिन इस बार गर्मी अभी से रिकॉर्ड तोड़ने लगी है. लिहाजा बिजली की मांग में पिछले साल की तुलना में जबरदस्त इजाफा होने लगा है. पिछले साल की तुलना में इस साल मार्च-अप्रैल में बिजली की मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़कर 20,479 मेगावाट और वर्तमान में 21,483 मेगावाट तक पहुंच गई है. कटौती के बिना अब बिजली आपूर्ति कर पाना भी विभाग के लिए संभव नहीं रह गया है. ऐसे में अब बिजली विभाग किसी न किसी बहाने बिजली कटौती में जुट गया है.
शटडाउन के नाम पर कई-कई घंटे तक इलाकों की बत्ती गुल रहती है. शटडाउन का जितना निर्धारित समय संबंधित उपकेंद्र की तरफ से दिया जाता है, उसके अलावा कम से कम एक से डेढ़ घंटा ज्यादा उपभोक्ताओं को बिजली संकट से जूझना ही पड़ता है. अचानक कोई फॉल्ट आने पर बिजली विभाग उसे दुरुस्त करने में इसलिए और भी देरी करता है जिससे बिजली कटौती की जा सके और बिजली विभाग पर यह आरोप भी न लगे कि बिजली कटौती की जा रही है. तकनीकी खराबी का बहाना बनाकर बिजली कटौती को अधिकारी अंजाम दे रहे हैं.
14 करोड़ से दुरुस्त होगी शहर की बिजली- लखनऊ की बिजली आपूर्ति व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए मध्यांचल विद्युत वितरण निगम की तरफ से हाल ही में लखनऊ विद्युत संपूर्ति प्रशासन (लेसा) को 14 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है. इससे जर्जर तार और ट्रांसफार्मरों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. इसके अलावा इस धनराशि से सिस. गोमती क्षेत्र में पांच उपकेंद्रों के पावर ट्रांसफार्मरों की क्षमता 10 एमवीए से बढ़ाकर 15 एमवीए की जाएगी. ट्रांस गोमती क्षेत्र में विकास नगर के पावर ट्रांसफार्मर के साथ ही इंदिरानगर और रहीम नगर इलाकों में भी ट्रांसफार्मर की कैपेसिटी बढ़ाई जाएगी.