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यूपी में बाढ़ से तबाही...पढ़िए कितने हुए बेघर

यूपी में बाढ़ का कहर लगातार जारी है. प्रदेश के लगभग 22 जिलों के लगभग 466 गांव बाढ़ के कारण प्रभावित हुए हैं. बाढ़ के चलते कई जिलों में राहत एवं बचाव कार्य प्रगति पर है. साथ ही लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गई है.

यूपी में बाढ़.
यूपी में बाढ़.

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Published : Aug 13, 2021, 5:24 PM IST

Updated : Aug 13, 2021, 9:33 PM IST

लखनऊः यूपी के लगभग 22 जिले इस समय बाढ़ की चपेट में हैं. इन जिलों के कई इलाके बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. प्रदेश में गंगा, यमुना, घाघरा, राप्ती नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. ऐसे में कई जिलों में राहत एवं बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं. साथ ही अधिकारी लगातार बाढ़ क्षेत्रों पर निगरानी बनाए हुए हैं. एनडीआरएफ की टीम बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत सामग्री पहुंचाने के लिए अभियान चला रही है.

प्रयागराजः जिले में बाढ़ से हजारों मकान डूब गए हैं. तराई के इलाकों में एक मंजिल तक पानी भरा है. बाढ़ को लेकर प्रशासन ने रेड अलर्ट जारी किया है. कई सड़कों और रास्तों पर नाव चल रही हैं. बाढ़ से बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं. हजारों लोगों ने बाढ़ राहत शिविरों और दूसरी सुरक्षित जगहों पर शरण ली हुई है. बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए 15 राहत शिविर की व्यवस्था की गई है. प्रशासन ने एनडीआरएफ की टीम तैनात कर दी है, जो लगातार राहत और बचाव का काम कर रही हैं.

प्रयागराज में बाढ़ का कहर.

बाढ़ के चलते प्रशासनिक अमले की भी मुश्किलें और चुनौतियां बढ़ गईं हैं. यही वजह है कि बाढ़ ग्रस्त इलाकों में लगातार प्रशासन के अधिकारी कमिश्नर संजय गोयल, जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री, नगर आयुक्त रवि रंजन, अपर जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी सदर ने दौरा किया. इस दौरान एनडीआरएफ की टीम ने ज्यादा प्रभावित इलाका छोटा बघाड़ा ,बड़ा बघाड़ा ,सलोरी आदि बाढ़ इलाकों का दौरा कर राहत सामग्री का वितरण भी किया.

वाराणसीःजिले में गंगा अपने उफान पर है. यही वजह है कि गंगा ने खतरे के निशान को पार कर दिया है. ऐसे में गंगा का पानी अब रिहासी कॉलोनियों में तांडव मचा रहा है. इससे आम जनमानस को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अस्सी और नगवा क्षेत्र में लगभग 200 से ज्यादा परिवार के घरों में पानी घुस गया है. जिससे आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

काल भैरव की पूजा.

बाढ़ की तबाही से निजात के लिए काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव के दरबार में सावन माह में होने वाले वार्षिक हिम श्रृंगार में विशेष पूजा-पाठ का आयोजन किया गया. बाबा कालभैरव मंदिर के पुजारी जितेंद्र दुबे ने बताया कि लगभग डेढ़ दशक पहले जब सूखा पड़ा था. तब बाबा का हिम श्रृंगार किया गया था. जिसके बाद से ही बाबा की कृपा से कभी सूखा नहीं पड़ा. उसी तरह इस बार आई प्राकृतिक आपदा बाढ़ ने लोगों को परेशान किया है. इसलिए न केवल बाढ़, बल्कि कोरोना जैसी आपदा से भी मुक्ति के लिए बाबा कालभैरव से प्रार्थना करके विशेष पूजा की गई है.

खाद्या सामग्रा बांटते विधायक सौरव श्रीवास्तव.

वहीं विधायक कैंट सौरव श्रीवास्तव ने नगवा वार्ड की गंगोत्री विहार कॉलोनी तथा भगवानपुर के सत्यम नगर और हरिओम नगर में राशन और पेयजल का वितरण करवाया. कई स्थानों पर नाव पहुंचने की स्थिति नहीं थी तो विधायक सौरभ श्रीवास्तव स्वयं अपने कार्यकर्ताओं के साथ कमर भर पानी में उतर गए और घर-घर जाकर खाद्या सामग्री दी. विधायक ने अपने कार्यालय का व्हाट्सएप नंबर 9795350000 जनता के लिए जारी किया है. कहा कि, किसी भी तरह की समस्या होने पर इस नंबर पर अपने नाम, पता और मोबाइल नंबर के साथ मैसेज भेजें, समाधान कराया जाएगा.

बस्तीःजिले में घाघरा के किनारे बसे कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. जलमग्न हुए गांवों के ग्रामीणों ने बताया कि अभी तक प्रशासन की टीम की टीम सहायता के लिए नहीं पहुंची है. भारी बारिश के कारण घाघरा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और घाघरा खतरे के निशान से 10 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. वहीं सरयू नदी भी अपने उफान पर है. सरयू नदी खतरे के निशान से 10 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. इससे तटीय इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. वहीं गांव के लोग जान खतरे में डालकर नाव से पशुओं के लिए चारा लाने को मजबूर हैं. जिला प्रशासन का कहना है कि पशुओं के चारे की व्यवस्था की जा रही है.

Last Updated : Aug 13, 2021, 9:33 PM IST

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