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अवध महोत्सव के आखिरी दिन धर्माचार्यों को सम्मान

राजधानी लखनऊ में अवध महोत्सव का समापन हो गया. इस मौके पर धर्माचार्यों को अवध गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया. इस अवसर पर प्रगति पर्यावरण संरक्षण के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह और उपाध्यक्ष एनबी सिंह ने 17वीं सांस्कृतिक संध्या का उद्घाटन दीप प्रज्जवलित कर किया.

अवध महोत्सव में अनेक धर्माचार्य अवध गौरव सम्मान से सम्मानित
अवध महोत्सव में अनेक धर्माचार्य अवध गौरव सम्मान से सम्मानित

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Published : Feb 22, 2021, 9:16 AM IST

लखनऊ : प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट के तत्वावधान में सेक्टर जे, रेल नगर विस्तार कालोनी, कथा मैदान आशियाना लखनऊ में रविवार को 17 दिवसीय अवध महोत्सव का समापन करया गया. इस महोत्सव को रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों और धर्म संसद के संग अगले साल फिर मिलने के वादे के साथ विदा किया गया. इस अवसर पर प्रगति पर्यावरण संरक्षण के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह और उपाध्यक्ष एनबी सिंह ने 17वीं सांस्कृतिक संध्या का उद्घाटन दीप प्रज्जवलित कर किया. इस अवसर पर प्रिया पाल, पवन पाल, अनुराग शाह सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों के अलावा तमाम दर्शक उपस्थित थे.

इन लोगों को गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया

अवध महोत्सव की 17वीं संध्या में आयोजित धर्म संसद मे प्रगति पर्यावरण संरक्षण के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह और उपाध्यक्ष एनबी सिंह ने दैवज्ञ स्वामी प्रद्युम्न प्रिया आचार्य महाराज श्रीधाम अयोध्या, विशिष्ट अतिथि स्वामी हरिनारायणाचार्य महाराज ब्रह्मर्षि वशिष्ठ वेद पीठम श्रीधाम अयोध्या, बाबा आशुतोशाम्बर महाराज दिल्ली, महादेव बाबा सर्वतो भद्र पुजारी परिषद लखनऊ, आचार्य विष्णु प्रमोद महाराज, ब्रह्मऋषि जमदग्नि महाराज, स्वामी देवेश आचार्य महाराज विजय राघव मंदिर डेहरी आन सोन, बाबा राम कृष्ण दास महाराज श्रीधाम अयोध्या, प्रभांशु तिवारी जी काशी और आचार्य रत्नेश मिश्र लक्ष्मी नारायण मंदिर चक्रतीर्थ नैमिषारण्य को पुष्प गुच्छ, अंग वस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंटकर अवध गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया.

धर्म संसद में सभी धर्माचार्यों ने धर्म के बताये सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हुए, गाय को माता का दर्जा देते हुए, उसकी सेवा को पवित्र बनाने पर जोर दिया. वहीं पर्यावरण, जल और वायु को स्वचछ रखने का लोगों को संकल्प दिलाया गया.

संगीत के साथ अन्य कार्यक्रमों की प्रस्तुति हुई

संगीत से सजे कार्यक्रम में सुमन प्रजापति अपने साथी कलाकारों नन्दनी यादव और बबिता यादव के साथ 'अरे नागिनिया बनके डसले' अवधी लोकगीत से कार्यक्रम की शुरूआत कर लोगों का मन मोहा लिया. इस प्रस्तुति के उपरान्त सुमन और साथी कलाकारों ने देलखण्डी गीत, 'रंगिला मोरा बलमा' के साथ भोजपुरी और 'दी दी जोगनी बीच अकेली' राजस्थानी लोकगीत को सुनाकर श्रोताओं का दिल जीता.

इसके अलावा हर्षिता मिश्रा ने अपना स्वतंत्र तबला वादन प्रस्तुत किया. समारोह में अमित श्रीवास्तव ने गंगावतरण नृत्य नाटिका के माध्यम से गंगा नदी के महत्व से लोगों को अवगत कराया. इसके अलावा बांके बिहारी की देख छटा पर ईशा कटारिया, वंदना वर्मा, नन्दिनी सिंह और आस्था पाण्डेय ने विपिन निगम के निर्देशन में भावपूर्ण अभिनय युक्त नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को कृष्ण की भक्ति का रसापान कराया. कार्यक्रम का संचालन सम्पूर्ण शुक्ला और अरविन्द सक्सेना ने किया.

लोकल फाॅर वोकल की अवध महोत्सव में रही धूम

इस दौरान लोकल फाॅर वोकल की अवध महोत्सव में धूम रही. लोगों ने अवध महोत्सव के आखिरी दिन जमकर खरीदारी की. सहारनपुर के फर्नीचर, खुर्जा की क्राकरी और स्वयं सहायता समूहों के स्टालों पर अचार, पापड़, मसालों की खरीदारी की. बच्चों और युवाओं ने झूलों के साथ लजीज व्यंजनों का लुत्फ उठाया.

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