उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

न सियासी सूरमा चले न दलबदलू हुए कामयाब, वोटों की आंधी में कई दिग्गज हुए साफ - भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेश चौधरी

अबकी उत्तर प्रदेश की चुनावी परिणाम ने सबको चौंकाया ही नहीं, बल्कि उन सियासतदारों को यह संदेश देने का भी काम किया, जो आज तक जातीय समीकरण के बूते सत्ता की गणित लगाते आ रहे थे. लेकिन अबकी इस परिणाम ने स्पष्ट कर दिया कि काम करो फिर फल की कमान जायज है, वरना हवाई दावे और वादे इसी तरह हवा में उड़ जाएंगे.

lucknow latest news  etv bharat up news  UP Assembly Election 2022  UP Election Results 2022  UP Election 2022 Opinion Poll  UP 2022 Election Campaign highlights  Akhilesh Yadav vs Yogi Adityanath  up election news in hindi  up election 2022 district wise  UP Assembly Election Results  UP Election Results  वोटों की आंधी  न सियासी सूरमा चले न दलबदलू हुए कामयाब  UP assembly elections  Many big leaders lost  elections and made big records  उत्तर प्रदेश की चुनावी परिणाम  यूपी विधानसभा चुनाव  स्वामी प्रसाद मौर्य  केंद्रीय मंत्री एसपी बघेल  सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव  मेरठ की सरधना सीट  उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य  भाजपा के सतीश द्विवेदी  अवतार सिंह भड़ाना जेवर  भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेश चौधरी  सुरेंद्र सिंह बैरिया सीट
lucknow latest news etv bharat up news UP Assembly Election 2022 UP Election Results 2022 UP Election 2022 Opinion Poll UP 2022 Election Campaign highlights Akhilesh Yadav vs Yogi Adityanath up election news in hindi up election 2022 district wise UP Assembly Election Results UP Election Results वोटों की आंधी न सियासी सूरमा चले न दलबदलू हुए कामयाब UP assembly elections Many big leaders lost elections and made big records उत्तर प्रदेश की चुनावी परिणाम यूपी विधानसभा चुनाव स्वामी प्रसाद मौर्य केंद्रीय मंत्री एसपी बघेल सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव मेरठ की सरधना सीट उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भाजपा के सतीश द्विवेदी अवतार सिंह भड़ाना जेवर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेश चौधरी सुरेंद्र सिंह बैरिया सीट

By

Published : Mar 11, 2022, 12:17 PM IST

लखनऊ:जहां कभी जीत नसीब न हुई, वहां जीते तो जिससे उम्मीद थी उसने नाउम्मीद किया. वहीं, जिन पर भरोसा न था वो विजयी तिलक लगाए मुस्कुराते दिखे और कई सूरमा वोटों की आंधी में साफ हो गए. अबकी उत्तर प्रदेश की चुनावी परिणाम ने सबको चौंकाया ही नहीं, बल्कि उन सियासतदारों को यह संदेश देने का भी काम किया, जो आज तक जातीय समीकरण के बूते सत्ता की गणित लगाते आ रहे थे. लेकिन अबकी इस परिणाम ने स्पष्ट कर दिया कि काम करो फिर फल की कमान जायज है, वरना हवाई दावे और वादे इसी तरह हवा में उड़ जाएंगे. वहीं, अबकी यूपी विधानसभा चुनाव के परिणाम में कई दिग्गज उम्मीद के विपरीत मैदान में चित पड़े नजर आए. हारने वालों में बड़े-बड़े सियासी सूरमाओं से लेकर दलबदलू तक शामिल थे. सियासी बदलाव के कयास तो थे, लेकिन बड़े चेहरे ऐसे हारे कि विश्वास करना तक मुश्किल हो गया.

योगी कैबिनेट में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य चुनाव से पूर्व भाजपा छोड़ कर सपा में शामिल हो गए थे. भाजपा तो सत्ता में लौट आई, लेकिन खुद को नेवला बताने वाले मौर्य की फाजिलनगर में करारी हार हुई. उन्हें भाजपा के सुरेंद्र सिंह कुशवाहा ने पराजित किया. वहीं, भाजपा छोड़कर साइकिल पर सवार हुए धर्म सिंह सैनी भी शिकस्त खा गए तो करहल से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा प्रत्याशी व केंद्रीय मंत्री एसपी बघेल को हरा कर सीट पर कब्जा कर लिया. पश्चिम यूपी की अहम सीटों में से एक मेरठ की सरधना सीट के परिणाम ने भी सबको चौंकाने का काम किया. यहां से भाजपा के संगीत सोम को सपा के अतुल प्रधान ने करीब 13,552 मतों से पराजित कर इस सीट पर कब्जा कर लिया.

इसे भी पढ़ें - ओमप्रकाश राजभर बोले, प्रयास में कमी रही, इस वजह से सरकार नहीं बना पाए...पढ़िए पूरी खबर

वहीं, इलाहाबाद दक्षिण सीट से सपा के रईस चंद्र शुक्ला को हार का सामना करना पड़ा. भाजपा के नंद गोपाल गुप्ता 'नदी' ने उन्हें मात दी तो सिराथू सीट से चुनावी मैदान में उतरे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को भी पराजय का मुंह देखना पड़ा और उन्हें सपा गठबंधन प्रत्यशी पल्लवी पटेल ने 7337 वोटों से हरा इस सीट पर कब्जा कर लिया. इनके अलावा टीईटी पेपर लीक में घिरे भाजपा के सतीश द्विवेदी सिद्धार्थनगर की इटवा सीट से नहीं जीत पाए तो कैराना में भी भाजपा को हार मिली, यहां सपा के नाहिद हसन ने भाजपा की मृगांका सिंह को पराजित कर इस सीट पर कब्जा कर लिया. वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय सिंह लल्लू भी अबकी चुनाव हार गए.

इधर, पूर्वांचल के बाहुबली हरिशंकर तिवारी के बेटे व गोरखपुर की चिल्लूपार विधानसभा सीट से सपा प्रत्याशी विनय शंकर तिवारी को भी पराजय का मुंह देखना पड़ा. इसके अलावा चुनाव से पूर्व भाजपा छोड़ सपा में शामिल हुए अवतार सिंह भड़ाना जेवर से चुनावी मैदान में थे, जहां उन्हें भाजपा के हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा. वहीं, बलिया के सुरेंद्र सिंह बैरिया सीट से टिकट न मिलने पर वीआईपी पार्टी से चुनावी मैदान में थे, जहां उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा तो कांग्रेस छोड़कर सपा में शामिल हुईं सुप्रिया ऐरन भी बरेली कैंट से हार गईं.

इन सीटों पर पहली बार खिला कमल

वहीं, भाजपा ने इस चुनाव में कई सियासी रिकॉर्ड भी बनाए. साथ ही पार्टी ने कई ऐसी सीटों पर भी जीत हासिल की, जहां इससे पहले कभी भाजपा को जीत नहीं मिली थी. मथुरा की माठ विधानसभा सीट पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेश चौधरी ने शानदार जीत दर्ज की. उन्होंने यहां से सात बार के विधायक रहे बसपा के श्याम सुंदर शर्मा को करीब 8000 मतों से पराजित किया. अबकी चुनाव में खास सीटों की सूची में शामिल रही सीतापुर की सिधौली विधानसभा सीट से भाजपा के मनीष रावत ने जीत दर्ज की. इधर, बीते विधानसभा चुनाव में बसपा के डॉ. हरगोविंद भार्गव ने समाजवादी पार्टी के मनीष रावत को मात दी थी.

इसे भी पढ़ें - UP Election Results: सूबे में दो सीटों पर सिमटी कांग्रेस को मिले ढाई फीसद मत...

इस बार हरगोविंद बसपा का दामन छोड़कर सपा के टिकट पर चुनाव में उतरे थे. वहीं, टिकट कटने से नाराज मनीष भी भाजपा उम्मीदवार के रूप में उतरे थे. ऐसे में जहां पहले मुकाबला सपा और बसपा के बीच रहता था, वह इस बार सपा और भाजपा के बीच हो गया था. इससे भी बड़ी बात यह है कि भाजपा इस सीट पर 40 साल से नहीं जीती थी. हालांकि, इस बार भाजपा ने यहां अपनी जीत की मुहर लगा दी, जिसे बहुत बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है.

इसी तरह बदायूं की बिल्‍सी विधानसभा सीट से भाजपा ने जीत का परचम लहराया है. भाजपा प्रत्याशी हरीश चंद्र ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी चंद्र प्रकाश मौर्य को हराकर जीत हासिल की है. हरीश चंद्र की इस जीत से भाजपा में खुशी की लहर है. दरअसल, भाजपा को 24 साल बाद 2017 में कमल खिलाने में कामयाबी हासिल हुई थी. इस जीत का सेहरा बांधने वाले पंडित आरके शर्मा पार्टी छोड़कर सपा में शामिल हो गए थे. ऐसे में भाजपा ने हरीश चंद्र को मैदान में उतारा था, जहां पार्टी को सफलता हासिल हुई. यहां भाजपा के हरीश चंद्र को कुल 93329 वोट मिले और उन्होंने सपा के चंद्र प्रकाश मौर्य को करीब 25000 वोटों के अंतर से पराजित कर इस सीट पर कब्जा कर लिया.

वहीं, लखनऊ की मोहनलालगंज (सुरक्षित) सीट पर भी भाजपा को बड़ी जीत मिली है. इस सीट पर भाजपा का अब तक खाता नहीं खुला था. लेकिन इस बार इस सीट पर कमल खिल गया. 2017 में मोदी लहर के बावजूद समाजवादी पार्टी ने लखनऊ की 9 सीटों में से महज एक सीट पर जीत दर्ज की थी, वह यही सीट थी. 2017 में मोहनलालगंज (सुरक्षित) सीट में कुल 32% वोटिंग हुई थी. तब समाजवादी पार्टी के अमरेश सिंह पुष्कर ने बसपा के राम बहादुर को हराया था. इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इतिहास बदलने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंकी थी. भाजपा ने यहां से अमरेश कुमार, सपा ने सुशीला सरोज, बसपा ने देवेंद्र सरोज और कांग्रेस ने ममता चौधरी को उतारा था. बता दें कि यहां भाजपा ने पहली बार जीत दर्ज की है. यहां से भाजपा प्रत्याशी अमरेश सिंह पुष्कर ने करीब 10000 वोटों से सपा की सुशीला सरोज को मात दी.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ABOUT THE AUTHOR

...view details