लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बिना लक्षण वाले कोरोना के मरीजों को होम आइसोलेशन में रखे जाने की घोषणा के उपरांत देर शाम स्वास्थ विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है. प्रदेश में आज से ही एसिंप्टोमेटिक मरीज होम आइसोलेट किए जा सकेंगे. आइसोलेट होने वाले मरीजों को शासन द्वारा जारी जरूरी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा. अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद की तरफ से सभी जिलाधिकारियों, मंडलायुक्तों को यह आदेश भेज दिया गया है.
कई नियमों का करना होगा पालन
होम आइसोलेशन उन्हीं मरीजों को किया जा सकेगा जिसे उपचार करने वाले चिकित्सक के द्वारा लक्षण रहित रोगी के रूप में चिह्नित किया गया हो. रोगी के निवास पर खुद को आइसोलेट करने और परिजनों को क्वारंटाइन करने की सुविधा उपलब्ध हो. घर में कम से कम 2 शौचालय होना जरूरी है. ऐसे रोगी जिन की रोग प्रतिरोधक क्षमता किसी कारणवश कमजोर है, वह होम आइसोलेट नहीं हो सकेंगे. एचआईवी, अंग प्रत्यारोपण, कैंसर जैसे असाध्य बीमारियों से ग्रसित रोगियों को इसमें शामिल किया गया है.
रोगी की देखरेख के लिए 24 घंटे चाहिए एक व्यक्ति
इसके साथ ही 24 घंटे रोगी की देखरेख करने के लिए एक व्यक्ति उपलब्ध हो. संपूर्ण आइसोलेशन अवधि के दौरान मरीज की देखभाल करने वाले व्यक्ति और संबंधित चिकित्सालय के मध्य संपर्क बनाए रखना अनिवार्य होगा. देखभाल करने वाले व्यक्ति, रोगी के नजदीकी और संपर्क में रहने वाले लोगों को प्रोटोकाल का पालन करना होगा. इलाज करने वाले चिकित्सक के परामर्श के अनुसार परिवार के अन्य सदस्यों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन प्रोफाइलेक्सिस लेनी होगी.