हैदराबादः तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की मुखिया और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दो दिवसीय दौरे पर शाम छह बजे लखनऊ पहुंच गईं. उनका स्वागत सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने किया. आठ फरवरी को वह सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के साथ संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता करेंगीं. वह यहां सपा के मुखिया अखिलेश यादव को समर्थन देने के लिए आ रहीं हैं इसके साथ ही प्रचार के लिए वह वाराणसी भी जा सकती हैं. कहा जा रहा है कि दीदी यहां बंगाल मॉडल की तर्ज पर चुनाव लड़ रहे अखिलेश यादव को कुछ और गुरुमंत्र भी दे सकतीं हैं. अगर ऐसा होता है तो यूपी में भाजपा की मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं. साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि ममता दीदी अब अपना कद केंद्र की राजनीति के लिए बढ़ा रहीं हैं, भाजपा के प्रमुख विपक्षी गठबंधन के लिए सपा काफी अहम स्थान रखती है. ऐसे में ममता दीदी सपा को मजबूत करने आ रहीं हैं.
ममता बनर्जी शाम छह बजे लखनऊ एयरपोर्ट पहुंच गईं. यहां उनका स्वागत समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और यूपी में तृणमूल कांग्रेस के नेता ललितेश त्रिपाठी ने किया. एयरपोर्ट से बाहर तृणमूल कांग्रेस व समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता ममता बनर्जी अखिलेश यादव जिंदाबाद के नारे गर्मजोशी से लगा रहे थे. ममता बनर्जी रात में लखनऊ के हजरतगंज स्थित लेवाना सुइट्स होटल में विश्राम करेंगी. कल समाजवादी पार्टी कार्यालय में होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में वह समाजवादी पार्टी का समर्थन करेंगी.
ये हैं बंगाल मॉडल
बीते वर्ष जब बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ा था तो ममता बनर्जी ने अकेले दम पर बीजेपी को शिकस्त दी थी. इसके लिए उन्होंने खास मॉडल अपनाया था. पहला वह बंगाली बनाम बाहरी का संदेश देने में कामयाब रहीं थी. दूसरा वह महिलाओं के दिल में अपने प्रति संवेदना बढ़ाने में भी सफल रहीं थीं. साथ ही वह बंगाल में खेला होबे का नारा देकर चुनाव को नई दिशा की ओर ले गईं. साथ ही वह पीएम के दीदी ओ दीदी...वाले बयान को टीएमसी के लिए वोटों में बदलने में कामयाब रहीं थीं. ममता बनर्जी ने छोटे दलों को साधकर पूरा चुनाव टीएमसी बनाम बीजेपी कर दिया था. इसका फायदा ही उन्हें मिला और वह चुनाव जीत गईं. इस मॉडल की तर्ज पर कुछ-कुछ अखिलेश यादव भी चल चुके हैं.
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