लखनऊ :लखनऊ चिड़ियाघर में सैलानियों को अब नर बब्बर शेर की खूंखार आवाज नहीं सुनाई देगी. दरअसल प्राणी उद्यान के वृद्ध नर बब्बर शेर पृथ्वी की तबीयत पिछले तीन सप्ताह से खराब चल रही थी. शनिवार की शाम बब्बर शेर ने अपने बाड़े में आखिरी सांस ली. बब्बर शेर 14 जून की शाम से पिछले पैरों से सही तरह से उठ नहीं पा रहा था. उसी दिन से उसका इलाज शुरू कर दिया गया था. पिछले तीन सप्ताह से लगातार कीपर और प्राणि उद्यान के वन्य जीव चिकित्सक उसकी देखभाल कर रहे थे. इसके अलावा लगातार विशेषज्ञों से भी परामर्श लिया जा रहा था.
छत्तीसगढ़ से लाया गया था शेर :लखनऊ चिड़ियाघर में बब्बर शेर पृथ्वी को वर्ष 2015 में बिलासपुर प्राणि उद्यान छत्तीसगढ़ से लाया गया था. पृथ्वी और इसकी संगिनी मादा बब्बर शेरनी वसुन्धरा से 2015 में ही चार बच्चों का जन्म भी हुआ था. पृथ्वी उम्र की दृष्टि से वृद्ध हो चुका था. विगत कई सप्ताह से उसकी तबीयत खराब चल रही थी. वर्तमान में प्राणि उद्यान, लखनऊ में तीन मादा बब्बर शेरनियां हैं. लखनऊ चिड़ियाघर के निदेशक आदित्य शर्मा के मुताबिक बीते 3 सप्ताह से वृद्ध बब्बर शेर की तबीयत काफी खराब थी. पशु चिकित्सकों और कीपर की निगरानी में बब्बर शेर को रखा गया था. अंतिम समय में बब्बर शेर ने खाना-पीना छोड़ दिया था. कीपर हर संभव कोशिश कर रहे थे. बब्बर शेर की आयु पूरी हो चुकी थी. उन्होंने बताया कि बब्बर शेर की मौत के बाद पांच पशु चिकित्साधिकारियों के पैनल द्वारा बब्बर शेर का पोस्टमार्टम किया गया. प्रथम दृष्टया मृत्यु का कारण वृद्ध अवस्था में श्वसन परेशानी (Cardio Respiratory Failure associated with Senility) पाई गई.