उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

सोच समझकर बनाएं ई-रिक्शा को अपने सफर का साथी, नहीं तो उठाना पड़ सकता भारी नुकसान

By

Published : May 3, 2022, 5:16 PM IST

राजधानी लखनऊ की सड़कों पर संचालित हो रहे ई-रिक्शों की स्टीयरिंग नाबालिगों के हाथ में है. अगर आप अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए ई-रिक्शा को अपने सफर का साथी बनाना चाहते हैं तो जरा सोच विचार कर ई-रिक्शा पर सवारी करें.

etv  bharat
ई-रिक्शा

लखनऊ :शहर की सड़कों पर संचालित अधिकतर ई-रिक्शा की स्टीयरिंग नाबालिगों के हाथ में है. इसके चलते सवारियों की जान हमेशा सांसत में पड़ी रहती है. इसके बावजूद आखिर इन्हें ई- रिक्शा संचालन की अनुमति किसने दी? आखिर क्यों इन पर परिवहन और पुलिस विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है, क्यों आंख मूंदे बैठे हैं अधिकारी? इन प्रश्नों का जवाब देने को कोई राजी नहीं है. जाहिर है पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारियों की अनदेखी और लापरवाही के चलते ही यह स्थिति बनी हुई है. हालांकि विभागीय अधिकारी इस बाबत कुछ भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं हैं.

सोच समझकर बनाएं ई-रिक्शा को अपने सफर का साथी

हर रूट पर नाबालिग दौड़ा रहे ई-रिक्शा :शहर का शायद ही ऐसा कोई रूट, गली या कूंचा हो जहां ई-रिक्शा की पहुंच न हो. ध्यान देने वाली बात यह है कि तमाम ई-रिक्शा चालक नाबालिग हैं, वह बिना रोक-टोक ई-रिक्शा चलाते दिखाई दे जाते हैं. ये ई-रिक्शा ओवरलोड करके चलाते हैं. ऐसे में जरा सा असंतुलित होते ही ई- रिक्शा के पलटने की आशंका बढ़ जाती हैं. हालांकि इन नाबालिग चालकों पर किसी तरह की नकेल कसने की बजाय परिवहन विभाग के अधिकारी कान में तेल डालकर बैठे नजर आते हैं. पुलिस भी मामले को अनदेखा करते दिखाई देती है.

पढ़ेंः प्रदेश सरकार भ्रष्टाचारियों पर कसेगी शिकंजा, नहरों की सफाई के नाम पर लाखों रुपयों की धांधली का मामला

खास बात यह है कि इन नाबालिग ई-रिक्शा चालकों के पास ड्राइविंग लाइसेंस न होने पर भी इन्हें रोका टोका नहीं जाता. कभी जब चालान की नौबत आती है तो पैसे से ही काम चल जाता है.

क्या कहता है ई-रिक्शा चालक :दो साल से पवन ई-रिक्शा चलाता है. जब उसने ई-रिक्शा चलाना शुरू किया, तब उसके पास कोई लाइसेंस नहीं था. उम्र भी काफी कम थी. लाइसेंस की जरूरत भी पवन को नहीं है. बताता है कि सभी रूटों पर ई-रिक्शा चलाता है. हालांकि अभी जल्दी ही उसने अपना लाइसेंस बनवाया है. अब तक वह बिना लाइसेंस के ही ई-रिक्शा चलाता रहा. थाने और पुलिस में उसका सब कुछ ठीक-ठाक रहा.

सगीर वैसे तो टेंपो चलाते हैं लेकिन ई-रिक्शा से काफी परेशान हैं. वह भी ऐसे ई-रिक्शा चालकों से जो नाबालिग हों. सगीर कहते हैं कि इन नाबालिग ई-रिक्शा चालकों से न परिवहन विभाग के अधिकारी ही कुछ कहते हैं और न ही पुलिस. बिना लाइसेंस के आराम से ई-रिक्शा चलाते हैं. इस बीच ई-रिक्शा पलटने की कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं लेकिन अधिकारियों को इससे कोई मतलब नहीं है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ABOUT THE AUTHOR

...view details