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महात्मा फुले ने समाज में समरसता लाने का प्रयास कियाःअखिलेश यादव

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Published : Apr 11, 2021, 10:12 PM IST

राजधानी लखनऊ के सपा कार्यालय में महात्मा ज्योतिबा फुले की 194वीं जयंती मनाई गई. इस मौके पर अखिलेश यादव ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले ने ऐसे समय बाल-विवाह, विधवा-विवाह तथा कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई जब समाज रूढ़िवादिता में जकड़ा हुआ था.

अखिलेश यादव.
अखिलेश यादव.

लखनऊःभारत में सामाजिक क्रांति के जनक महात्मा ज्योतिबा फुले की 194वीं जयंती रविवार को समाजवादी पार्टी के मुख्यालय सहित प्रदेश के विभिन्न जनपद कार्यालयों में मनाई गई. समाजवादी पार्टी के प्रदेश कार्यालय में महात्मा ज्योतिबा फुले के चित्र पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत अन्य कार्यकर्ताओं ने माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए गए.

सत्य शोधक समाज’ की स्थापना की
इस मौके पर अखिलेश यादव ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले ने ऐसे समय बाल-विवाह, विधवा-विवाह तथा कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई जब समाज रूढ़िवादिता में जकड़ा हुआ था. 1848 ई. में उन्होंने देश के पहले बालिका स्कूल की स्थापना की थी. उनकी पत्नी सावित्री बाई फुले देश की पहली महिला शिक्षिका बनी. अखिलेश यादव ने कहा कि 1873 में महात्मा फुले ने दलित वर्ग के उत्थान तथा उनको न्याय दिलाने के लिए ‘सत्य शोधक समाज’ की स्थापना की. उन्होंने अंधविश्वासों का विरोध किया तथा समाज में समरसता लाने का प्रयास किया.

देश की राजनीति बदल रही है करवट
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि देश की राजनीति फिर से करवट ले रही है. आपातकाल की तरह संवैधानिक संस्थाओं की विश्वसनीयता में गिरावट हो रही है. संविधान प्रदत्त अधिकारों पर संकट छा गया है. ऐसे में बड़ी संख्या में लोग बड़ी उम्मीदों और भरोसे से देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रदेश सरकार जनता की समस्याओं के समाधान के बजाय जाति धर्म की राजनीति कर रही है.

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इटावा के दर्दनाक हादसे पर व्यक्त किया दुख
अखिलेश यादव ने इटावा में डीसीएम पलटने से हुए दर्दनाक हादसे में दर्जन भर श्रद्धालुओं की मौत पर गहरा शोक जताते हुए दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की है. उन्होंने कहा है कि यह अत्यंत दुःखद एवं पीड़ादायी घटना है.

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