लखनऊःमहंत दिव्या गिरी ने डालीगंज के प्रतिष्ठित मनकामेश्वर मंदिर में बिल्कुल अलग अंदाज में विश्वकर्मा जयंती मनााई. महंत दिव्या गिरी की अगुआई में महिला सशक्तिकरण के लिए मनकामेश्वर महिला सिलाई केन्द्र का उद्घाटन किया गया. इस अवसर पर मंदिर परिसर में भोर की विशेष आरती और पूजन भी किया गया.
लखनऊः महंत दिव्या गिरी ने मनाई विश्वकर्मा जयंती - विश्वकर्मा पूजा
यूपी की राजधानी लखनऊ में महंत दिव्या गिरी ने हिंदू धर्म में ब्रह्मांड के दिव्य वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा को समर्पित विश्वकर्मा जयंती पर पूजा-अर्चना की. साथ ही डालीगंज के प्रतिष्ठित मनकामेश्वर मंदिर में महंत ने बिल्कुल अलग अंदाज में जयंती मनाई. वहां मठ-मंदिर की महंत दिव्या गिरी की अगुआई में महिला सशक्तिकरण के लिए मनकामेश्वर महिला सिलाई केन्द्र का उद्घाटन किया गया.

महंत दिव्या गिरी ने बताया कि हिन्दू धर्म में विश्वकर्मा निर्माण एवं सृजन के देवता के रूप में पूजे जाते हैं. मान्यता है कि चार युगों में विश्वकर्मा ने सबसे पहले सतयुग में स्वर्गलोक का निर्माण किया. त्रेता युग में लंका का, द्वापर में द्वारका का और कलियुग के आरम्भ के 50 साल पहले हस्तिनापुर और इन्द्रप्रस्थ का निर्माण किया. ऋग्वेद में विश्वकर्मा सुक्त के नाम से 11 ऋचाएं लिखी गईं हैं.
उन्होंने बताया कि ऐसे प्रेरक भगवान विश्वकर्मा का विश्व को यही संदेश है कि कर्म ही जीवन का आधार है. सात्विक कर्म निर्माण के साथ-साथ विकास का आधार बनता है. उन्होंने बताया कि ऐसे पावन दिवस पर महिला सशक्तिकरण के लिए जो सिलाई केन्द्र शुरू किया है, उसमें 12 सिलाई मशीनों की मदद से 12 से अधिक महिलाओं को अलग-अलग सत्रों में सिलाई का हुनर सिखाया जाएगा. साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाया जाएगा.