लखनऊ: मोहनलालगंज के चर्चित व्यापारी नेता सुजीत पांडे हत्याकांड के फरार चल रहे साजिशकर्ता मधुकर यादव ने मंगलवार को एसीएम तृतीय के न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया. आरोपी ने पूर्व में दर्ज एक मामले में जमानतदार को बुलाकर जमानत खारिज करा ली और जेल चला गया. वहीं पुलिस को मधुकर के आत्मसमर्पण की भनक तक नहीं लगी.
पुलिस को नहीं लगी भनक
ज्ञात हों कि मोहनलालगंज व्यापार मंडल अध्यक्ष और पूर्व प्रधान सुजीत पांडे की 20 दिसंबर को उनके गौरा गांव स्थित ईंट भट्ठे के बाहर बाइक सवार बदमाशों ने गोली मार कर हत्या कार दी थी. वहीं हत्याकांड की पड़ताल में जुटी मोहनलालगंज पुलिस सहित अन्य टीमों के हाथ कई दिन तक खाली रहे. 30 दिसंबर को आशियाना पुलिस और एसीपी कैंट डॉक्टर बीनू सिहं की टीम ने मुठभेड़ के बाद बाइक सवार दो शूटरों मुलायम और अरूण को पकड़ा. पूछताछ में उन्होने सुजीत पांडे की मधुकर यादव और उनके दो भाईयों के इशारे पर हत्या किए जाने की बात कबूल की.
रिमांड पर ले सकती है पुलिस
बता दें कि पुलिस साजिशकर्ता मधुकर यादव की सरगर्मी से तलाश में जुटी थी. उसके हर ठिकाने पर छापेमारी कर रही थी, लेकिन उसे पकड़ नहीं पा रही थी. पुलिस को साजिशकर्ता मधुकर यादव के न्यायालय में आत्मसमर्पण करने की बात पता चली तो उसकी गिरफ्तारी के लिए कई थानों की फोर्स को न्यायालय के बाहर लगाया गया, लेकिन पुलिस को चकमा देकर एसीएम तृतीय के न्यायालय में पहुंचकर मधुकर यादव ने आत्मसमर्पण कर दिया. जिसके बाद उसे पुलिस अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया. वहीं पुलिस अब सुजीत पांडे हत्याकांड के साजिशकर्ता तीनों भाईयों को रिमांड पर लेने के लिए न्यायालय में अर्जी डाली है. न्यायालय से रिमांड मंजूर होने के बाद पुलिस तीनों भाईयों से पुछताछ कर सुजीत पांडे और अशोक यादव हत्याकांड को अंजाम देने की वजह के पीछे से पर्दा उठाएगी.