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मदरसों के 21 हजार 216 आधुनिक शिक्षकों को नहीं मिलेगा मानदेय, छह वर्षों से नहीं मिला वेतन

यूपी में मदरसों के 21 हजार 216 आधुनिक शिक्षकों को अब मानदेय भी नहीं मिलेगा. इसके पहले पिछले करीब छह वर्षों से आधुनिक शिक्षकों को वेतन भी नहीं दिया जा रहा है. इस साल यूपी सरकार ने बजट में अतिरिक्त मानदेय की व्यवस्था भी समाप्त कर दी है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 11, 2024, 10:30 AM IST

लखनऊ : पिछले करीब छह वर्षों से मानदेय से वांछित मदरसा बोर्ड के आधुनिक शिक्षकों को मानदेय नहीं मिलेगा. मदरसों में हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान व सामाजिक अध्ययन विषय पढ़ाने के लिए मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत करीब प्रदेश में 21 हजार 216 शिक्षक है. जिनके लिए ये बुरी खबर है. प्रदेश सरकार ने बजट में अतिरिक्त मानदेय देने की व्यवस्था को समाप्त करते हुए कोई भी वित्तीय स्वीकृति इस मद में नहीं जारी करने के निर्देश दिए हैं.


पत्राचार के बाद भी नहीं निकला समाधान : मदरसा बोर्ड के चेयरमैन इफ्तिखार जावेद ने बताया कि पिछले करीब छह वर्षों से आधुनिक शिक्षकों को मानदेय नहीं मिला है. इसके लिए कई बार पत्राचार किया है, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका है. प्रधानमंत्री को फिर से पत्र भेज कर मानदेय की मांग की जाएगी. मंत्री दानिश आजाद ने कहा कि योगी सरकार मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों के लिए बहुत गंभीर है. केंद्र ने मानदेय बंद कर दिया है. इसलिए तकनीकी कारणों से यहां भी बंद हो गया है. इस समस्या का हल निकाला जा रहा है.


मदरसा आधुनिकीकरण योजना केंद्र सरकार की है. इसे 1993-94 से संचालित किया जा रहा था. इसमें मदरसों में हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान, गणित व सामाजिक अध्ययन विषय को पढ़ाने के लिए शिक्षक रखे गए थे. वर्ष 2008 से इसे स्कीम फार प्रोवाइडिंग क्वालिटी एजुकेशन इन मदरसा के नाम से संचालित किया जाने लगा. इस योजना में तैनात स्नातक पास शिक्षकों को छह हजार व परास्नातक शिक्षकों को 12 हजार रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाता था. वर्ष 2016 में प्रदेश सरकार ने भी इसमें दो हजार व तीन हजार रुपये प्रतिमाह का मानदेय अपनी ओर से देने का निर्णय लिया था. यानी स्नातक शिक्षकों को आठ हजार व परास्नातक शिक्षकों को 15 हजार रुपये इसमें मिलते थे. केंद्र सरकार से इस योजना को वर्ष 2021-22 तक की ही स्वीकृति मिली थी, जबकि प्रदेश में तैनात इन शिक्षकों को केंद्र सरकार से मानदेय और पहले से नहीं मिल रहा था. पिछले दिनों अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने अतिरिक्त मानदेय दिए जाने का आश्वासन दिया था. इसके बावजूद अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने बजट में की गई अतिरिक्त मानदेय की व्यवस्था को समाप्त कर दिया है. उन्होंने निदेशक को इस मद में कोई भी वित्तीय स्वीकृति न जारी करने के निर्देश दिए हैं.

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