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Madurai Train Accident : लखनऊ जंक्शन पर खराब पड़े हैं लगेज स्कैनर, चेकिंग को लेकर स्टेशन निदेशक ने कही यह बात - Luggage scanners

तमिलनाडु के मदुरै रेलवे जंक्शन पर खड़ी एक पर्यटक ट्रेन में भीषण आग लग गई. इस हादसे से कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई. वहीं लखनऊ जंक्शन पर सुरक्षा व्यवस्था के क्या इंतजाम हैं. पढ़ें पूरी खबर

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 26, 2023, 7:45 PM IST

Updated : Aug 26, 2023, 8:40 PM IST

वरिष्ठ संवाददाता अखिल पांडेय की खास रिपोर्ट

लखनऊ : रेलवे प्रशासन की लापरवाही के चलते ट्रेनों के अंदर कई बार बड़े हादसे हो जाते हैं. यात्री अपने साथ ऐसी भी सामग्री लेकर स्टेशन से गुजरते हुए ट्रेन में पहुंच जाते हैं जो हादसे का बड़ा कारण बनती है. अगर मदुरै में हुए पर्यटक कोच में हादसे की बात करें तो सामने आ रहा है कि गैस सिलेंडर पर चाय बनाने के चलते यह दर्दनाक हादसा हुआ. कोच में आग लग गई और कई लोग असमय ही काल के गाल में समा गए. अब सवाल यही उठता है कि स्टेशन से ट्रेन के अंदर तक सिलेंडर पहुंच कैसे गया? स्टेशन पर ज्वलनशील पदार्थ की जांच क्यूं नहीं हुई?

लखनऊ जंक्शन

"ईटीवी भारत" ने 17 अगस्त को लखनऊ जंक्शन से रवाना हुई इसी ट्रेन के यात्रियों के सामान की जांच की गई या नहीं, इसे लेकर रियलिटी चेक किया. जो सामने आया वह बेहद हैरान करने वाला है. लखनऊ जंक्शन पर दो लगेज स्कैनर पिछले कई माह से खराब पड़े हुए हैं. यहां किसी तरह की जांच की कोई व्यवस्था ही नहीं है. लखनऊ जंक्शन के स्टेशन निदेशक एके पांडेय का कहना है कि 'लखनऊ जंक्शन से गैस सिलेंडर ट्रेन में नहीं चढ़ा है. यहां से ट्रेन रवाना होने के बाद उन्नाव और कानपुर में ठहरी थी. इन दोनों स्टेशनों से भी श्रद्धालु ट्रेन में सवार हुए थे. हो सकता है कि कोई श्रद्धालु इन्हीं दो स्टेशनों से गैस सिलेंडर लेकर चढ़ गया हो. उनका कहना है कि कोई भी ट्रैवेल एजेंसी कोच बुक कराती है तो उसे रेलवे के नियम और शर्तों के बारे में पूरी जानकारी दी जाती है. ज्वलनशील सामान नहीं ले जाने के लिए एजेंसी की ओर से प्रमाण पत्र सौंपा गया था.

लखनऊ जंक्शन

मदुरै में जिस ट्रेन के कोच में आग लगी और कई यात्री हताहत हुए. रेलवे के अधिकारियों की लापरवाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लखनऊ जंक्शन पर पिछले 10 माह से दोनों लगेज स्कैनर खराब पड़े हुए हैं. यात्री आराम से सामान लेकर प्लेटफार्म से ट्रेन तक दाखिल हो जाते हैं. यहां पर कोई पूछने वाला तक नहीं है. माना जा रहा है कि 17 अगस्त को भी जब श्रद्धालु ट्रेन में बैठने आए होंगे तो उनके पास भी अगर सिलेंडर रहा होगा तो भी कोई जांच नहीं हुई होगी. अगर यहां पर जांच हो जाती और सिलेंडर पकड़ लिया जाता तो शायद इतना बड़ा हादसा ही नहीं होता. लोग मौत के मुंह में समाने से बच सकते थे, लेकिन अब लोगों का कहना है कि रेलवे की लापरवाही ने तमाम यात्रियों की जान ले ली.

लखनऊ जंक्शन

चारबाग स्टेशन पर दुरुस्त है स्कैनर :जहां एक तरफ पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ जंक्शन पर कई माह से लगेज स्कैनर खराब पड़े हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ चारबाग रेलवे स्टेशन पर लगेज स्कैनर ठीक-ठाक कम कर रहा है. यहां पर स्कैनर में समान स्कैन करने के बाद ही यात्री को अंदर जाने दिया जाता है. बाकायदा यहां पर कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है. अगर बात रेलवे स्टेशन तक पहुंचने के लिए एंट्री की करें तो दोनों ही स्टेशनों पर बिना लगेज स्कैनर से गुजरते हुए कोई यात्री आसानी से पहुंच सकता है. लखनऊ जंक्शन में प्लेटफार्म नंबर छह की तरफ से स्टेशन तक पहुंचाने का आसान रास्ता है. कैब वे की तरफ से कोई भी यात्री संदिग्ध वस्तु लेकर स्टेशन पर या फिर ट्रेन के अंदर आराम से पहुंच सकता है. कहीं पर कोई रोक-टोक नहीं है.

दिखावे के लिए शुरू की गई सामान की चेकिंग :ट्रेन के कोच में आग लगने की घटना जब मदुरै में हो गई और कई लोगों को मौत हो गई तब जाकर रेलवे के अधिकारी कुंभकर्णी नींद से जागे और लखनऊ जंक्शन के साथ ही चारबाग रेलवे स्टेशन पर आने जाने वाले यात्रियों के सामान की चेकिंग शुरू की. कुछ देर तक चेकिंग करने के बाद अधिकारियों ने इतिश्री कर ली.




लखनऊ जंक्शन पर खराब पड़े दोनों लगेज स्कैनर को लेकर लखनऊ जंक्शन के डायरेक्टर ए.के. पांडेय की तरफ से तर्क दिया जा रहा है कि 'जिस कंपनी को ठेका दिया गया था उसी को इन स्कैनर को मेंटेन करना था, लेकिन कंपनी दिवालिया हो गई, जिसके बाद स्कैनर मेंटेन नहीं कराए जा सके. अब कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है. उसकी सिक्योरिटी भी जब्त कर ली गई है. अब नया टेंडर जारी होगा, जिसके बाद नई कंपनी लगेज स्कैनर का काम करेगी.'

लखनऊ जंक्शन के स्टेशन निदेशक एके पांडेय का कहना है कि 'लखनऊ जंक्शन से गैस सिलेंडर ट्रेन में नहीं चढ़ा है. यहां से ट्रेन रवाना होने के बाद उन्नाव और कानपुर में ठहरी थी. इन दोनों स्टेशनों से भी श्रद्धालु ट्रेन में सवार हुए थे. हो सकता है कि कोई श्रद्धालु इन्हीं दो स्टेशनों से गैस सिलेंडर लेकर चढ़ गया हो. उनका कहना है कि कोई भी ट्रैवेल एजेंसी कोच बुक कराती है तो उसे रेलवे के नियम और शर्तों के बारे में पूरी जानकारी दी जाती है. ज्वलनशील सामान नहीं ले जाने के लिए एजेंसी की ओर से प्रमाण पत्र सौंपा गया था. इसके बावजूद ट्रेन में ज्वलनशील सामान होने की बात हो रही है.'

उनका कहना है कि 'इस मामले में एजेंसी पर जिम्मेदारी तय की जाएगी. बता दें कि सप्ताह में दो दिन सोमवार और गुरुवार को लखनऊ से चेन्नई के लिए रवाना होने वाली स्पेशल ट्रेन के टूरिस्ट कोच में सिलेंडर से आग लगने की घटना मदुरै स्टेशन के यार्ड में हुई. इसके बाद शनिवार को चारबाग और लखनऊ जंक्शन रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के सामान की जांच शुरू हुई. बता दें कि मदुरै स्टेशन के यार्ड में ट्रेन में आग की घटना की जांच सौंपी गई. दक्षिणी सर्कल बंगलुरू के रेलवे सुरक्षा आयुक्त एएम चौधरी ट्रेन में आग लगने की घटना की वैधानिक जांच करेंगे. आईआरसीटीसी के पर्यटक कोच की जांच करेंगे. जांच के दौरान लोगों से पूछताछ भी होगी, जिसमें जनता का कोई भी सदस्य जिसे घटना और मामले से संबंधित जानकारी हो इससे जुड़े साक्ष्य देने के इच्छुक हैं तो दे सकते हैं.'

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Last Updated : Aug 26, 2023, 8:40 PM IST

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