लखनऊ चिड़ियाघर के दरियाई घोड़े ने सफाई कर्मचारियों को आखिर क्यों मार डाला, जानिए हमले की असली वजह - शाकाहारी इंद्रा ने सफाईकर्मी को मार डाला
लखनऊ चिड़ियाघर में सफाई कर्मचारी सूरज की जान दरियाई घोड़े ने क्यों ली, यह जांच का विषय है, लेकिन प्रथम दृष्टया गलती ईटीवी भारत ने खोज निकाली है. आप भी जानिए क्या है असली वजह.
लखनऊ : लखनऊ चिड़ियाघर के सफाई कर्मचारी सूरज को दरियाई घोड़े ने सोमवार को हमला करके मार दिया था. हर कोई यह बात जानकर हैरान हो गया कि आखिरकार यह हुआ कैसे. दरियाई घोड़ा शाकाहारी होते हैं तो फिर उसने सूरज पर हमला क्यों किया. ईटीवी भारत ने मामले की तह में जाने की कोशिश की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. आप भी विस्तार से जानिए कि आखिरकार ऐसी कौन सी चूक हो गई कि सफाईकर्मी सूरज की दरियाई घोड़े ने जान ले ली.
चिड़ियाघर में सफाई कर्मचारी की मौत का मामला.
...तो यह थी हमले की असली वजह :दरअसल, सफाईकर्मी सूरज की मौत की जांच रिपोर्ट दो दिन बात आनी है, लेकिन नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान के सफाई कर्मचारी, कीपर से लेकर यहां अस्पताल में तैनात अन्य कर्मचारियों का यही कहना है कि यह एक बड़ी चूक है. सफाईकर्मी सूरज गेट पार करते हुए मादा दरियाई घोड़ा (इंद्रा) के बाड़े तक कैसे पहुंचा. यह जांच का विषय है. अमूमन किसी भी बाड़े की सफाई करते समय उसमें मौजूद जानवर को दूसरी तरफ बंद कर दिया जाता है. सूरज के मामले में ऐसा नहीं किया गया.
सफाई कर्मचारी की मौत के बाद जायजा लेने पहुंचे अधिकारी.
ताले से बंद होता गेट तो बच जाता सूरज : कर्मचारियों के अनुसार जानवरों के बाड़े की सफाई के समय या उनके इलाज के समय बहुत सावधानी रखनी होती है. यदि सफाई से पहले उस गेट को ताले से बंद कर दिया गया होता, जिसके पीछे इंद्रा थी तो शायद सूरज हमारे बीच होता. हालांकि चिड़ियाघर प्रबंधन का कहना है कि सूरज की ड्यूटी वहां नहीं थी, लेकिन इंद्रा के बाड़े को साफ करने को 5 से 7 आदमी लगते हैं. ऐसे में सूरज को वहां भेजा गया था, इस बारे में कोई बताने वाला नहीं है. हालांकि राजू और सूरज के अलावा अन्य लोग कहां थे.
इंद्रा के व्यवहार में कोई बदलाव नहीं :इंद्रा के व्यवहार में कोई खास बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है. रोज की तरह उसने सुबह से दोपहर तक का समय तालाब में बिताया. उसके बाद निकल कर प्लेटफार्म पर पड़ी गाजर खाई. काफी देर धूप में खड़े रहने के बाद उसने सात से आठ किलो गाजर खाई. चिड़ियाघर प्रबंधन के अनुसार उसका व्यवहार सामान्य है.
दर्शकों में रही इंद्रा की चर्चा :चिड़ियाघर में सुबह से ही भीड़ थी. लेकिन मादा दरियाई घोड़े इंद्रा के बाड़े के सामने पहुंचते ही दर्शकों की उत्सुकता बढ़ गई. लोग पूछने लगे कहां है वह जिसने सफाईकर्मी की जान ले ली. तालाब में मौजूद भारी भरकम इंद्रा को देख कर दर्शकों का यही कहना था कि इसके चंगुल से बच निकलना मतलब मौत के मुंह से निकल आने के बराबर है.
जान जोखिम में डाल कर फोटो खींचते दिखे दर्शक : हादसे के बाद भी चिड़ियाघर प्रबंधन नहीं चेत रहा है. मंगलवार को इंद्रा की तस्वीर लेने को लोगों ने जान की बाजी लगा दी. बाहर से आया एक दर्शक बाड़े के सामने लगी रेलिंग पर चढ़ गया. इसके बाद वह जाल के ऊपर पहुंच गया और मोबाइल से इंद्रा की फोटो करने लगा. यदि इस दौरान वह लड़खड़ा कर जाल गिरता या सीधे बाड़े अंदर, दोनों ही मामलों में उसकी जिंदगी को खतरा हो सकता था. यहां पर किसी सुरक्षा कर्मचारी की ड्यूटी नहीं दिखी.
लखनऊ चिड़ियाघर में हिप्पो को देखते दर्शक. फाइल फोटो
लखनऊ चिड़ियाघर में हिप्पो का फोटो खींचता दर्शक. फाइल फोटो
सूरज की ड्यूटी ही नहीं थी :कर्मचारियों के अनुसार सूरज की ड्यूटी वहां नहीं थी, लेकिन वह राजू को तलाशते हुए वहां पहुंचा था. उसने राजू को आवाज देते हुए गेट खोल दिया. जिसके पीछे इंद्रा मौजूद थी. सामने इंद्रा को देख कर सूरज के हांथ पांव फूल गए, वह वापस मुड़ कर पास की दीवार पर चढ़ गया जो बहुत ऊंची नहीं थी. इसी दौरान इंद्रा के बाड़े के कीपर राजू को एहसास हुआ कि सूरज इंद्रा के नजदीक पहुंच गया है तो वह सूरज को बचने के लिए अंदर की तरफ भागा. इंद्रा ने उसे देखते ही दौड़ा लिया और पीछे से उसकी शर्ट इंद्रा के मुंह में आ गई. इस दौरान राजू को पीठ पर खरोंच आ गई. उधर दीवार के ऊपर खड़े सूरज ने इंद्रा की टोह लेने के चक्कर में थोड़ा झुक कर उसकी लोकेशन जानने की कोशिश की. बस, उसी समय इंद्रा वहां पहुंच गई और उसने दीवार पर खड़े सूरज को खींच लिया और पटक कर मार दिया.