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युवा बोले- रोजगार, महिला सुरक्षा और बेहतर शिक्षा बने चुनावी मुद्दा - राजनीतिक दलों का चुनावी एजेंडा

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है. राजनीतिक गलियारों में पारा चढ़ा हुआ है. ऐसे में ईटीवी भारत ने लखनऊ के बप्पा श्री नारायण वोकेशनल डिग्री कॉलेज के कुछ छात्र-छात्राओं से बात की और जाना की युवाओं को कौन-कौन से मुद्दों को राजनीतिक दलों के चुनावी एजेंडे का हिस्सा होना चाहिए.

यूपी के मन की बात.
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Published : Sep 23, 2021, 9:37 PM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है. विधानसभा चुनाव सिर पर है. ऐसे में राजनीतिक गलियारों में पारा चढ़ा हुआ है. कहा जा रहा है कि प्रदेश का युवा इस बार निर्णायक भूमिका में होगा. वह चुनाव की दशा और दिशा तय करेगा. ऐसे में ईटीवी भारत ने लखनऊ के बप्पा श्री नारायण वोकेशनल डिग्री कॉलेज के कुछ छात्र-छात्राओं से बात की और जाना की युवाओं को कौन-कौन से मुद्दों को राजनीतिक दलों के चुनावी एजेंडे का हिस्सा होना चाहिए.

बालिकाओं को मिले सुरक्षित माहौल

बीएससी की छात्रा आकृति मौर्या का कहना है कि प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा बेहद अहम है. कई बार देखने और सुनने को मिलता है कि बालिकाओं को स्कूल कॉलेज आने जाने तक में समस्याएं होती हैं. ऐसे में इस पर काम किया जाना बेहद जरूरी है.

छात्रा साक्षी सिंह कहती हैं कि शिक्षा जीवन के लिए बेहद जरूरी है. अगर अच्छी शिक्षा मिलती है तो आगे का भविष्य बेहतर होगा. उन्होंने कहा कि आरक्षण भी एक मुद्दा है. सामान्य वर्ग के युवाओं की परेशानियों को भी ध्यान में रखा जाए.

युवाओं के बोल.

खुशबू मिश्रा का कहना है कि महंगाई भी एक अहम मुद्दा है. इसका सीधा-सीधा असर सामान्य जीवन पर पड़ रहा है. छात्र शोभित कुमार का कहना है कि आज चाहे पढ़ा लिखा व्यक्ति हो या बेरोजगार सभी काम के लिए भटक रहे हैं. आपको लेबर मार्केट में ऐसे सैकड़ों लोग रोज नजर आएंगे जो काम की तलाश में दूर-दूर से आते हैं.

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उन्होंने कहा कि एमए, एम.कॉम किए गए युवा भी चपरासी तक की नौकरी करने को तैयार हैं. छात्रा अर्चना शुक्ला का कहना है कि चुनाव में रोजगार, शिक्षा और बेहतर जीवन पर बात होनी चाहिए. छात्रा तनु शुक्ला कहती हैं कि बात जमीनी विकास की हो, सिर्फ आंकड़ों की नहीं. उनका कहना है कि राजनीतिक दल इन मुद्दों को चुनावी एजेंडे में शामिल करें.

इन मुद्दों पर है युवाओं का जोर
- सबको अच्छी और बेहतर शिक्षा मिल सके.
- युवाओं को बेहतर रोजगार के अवसर मिलें.
- बालिकाओं और महिलाओं को सुरक्षित माहौल दिए दिया जाए.
- महंगाई पर लगाम लगाई जाए.
- आरक्षण की व्यवस्था में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के अधिकारी को भी सुरक्षित किया जाए.

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