लखनऊ: उत्तर प्रदेश में टेक्निकल एजुकेशन देने वाली सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (AKTU) का 22वां स्थापना दिवस समारोह मंगलवार को आयोजित किया जा रहा है. 26 जुलाई 2000 में इस विश्वविद्यालय की शुरुआत की गई थी. 21 साल के सफर में इस विश्वविद्यालय ने कई बड़े बदलाव देखे हैं. एक समय था जब प्रदेश के मोती लाल नेहरू नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, हारकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी जैसे बड़े संस्थान भी इसी का हिस्सा थे. एकेटीयू में बतौर कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक के 6 साल के कार्यकाल में कई बड़े बदलावों का गवाह रहा है.
इस समय प्रदेश में करीब 750 कॉलेज इससे जुड़े हैं. इतना बड़ा विश्वविद्यालय है कि इनकी पहचान को लेकर खूब राजनीति की गई है. प्रदेश में सत्ता बदलने के साथ ही इस विश्वविद्यालय का नाम भी बदलता रहा है. 26 जुलाई 2000 को इस विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी. उस समय भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी और राम प्रकाश गुप्ता मुख्यमंत्री हुआ करते थे. पहली बार इस विश्वविद्यालय को उत्तर प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी (यूपीटीयू) का नाम दिया गया. पहली बार इसकी पहचान 2010 में बदली गई. तब बहुजन समाज पार्टी की सरकारी थी और मायावती मुख्यमंत्री थीं.
उत्तर प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी (यूपीटीयू) को दो भागों में बांटा गया. दो विश्वविद्यालय बनाए गए. एक गौतमबुद्ध टेक्निकल यूनिवर्सिटी और दूसरी महामाया टेक्निकल यूनिवर्सिटी. उत्तर प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी नाम खत्म कर दिया गया. मार्च 2012 में सत्ता बदली. समाजवादी पार्टी की सरकार आई और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने. 2013 में गौतमबुद्ध टेक्निकल यूनिवर्सिटी और महामाया टेक्निकल यूनिवर्सिटी का विलय करके दोबारा उसे उत्तर प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी (यूपीटीयू) नाम दिया गया. 2015 में देश के राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के देहांत के बाद इस विश्वविद्यालय का नाम बदलकर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (AKTU) कर दिया गया.
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प्रो. चौहार और प्रो. पाठक सबसे लम्बे समय तक रहे कुलपति
इस विश्वविद्यालय की कमान अब तक 9 कुलपति संभाल चुके हैं. पहले कुलपति प्रो. डीएस चौहान और सातवें कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक का कार्यकाल सबसे अधिक रहा. दोनों ने करीब 6 साल तक विश्वविद्यालय की कमान संभाली. इसके अलावा, सबसे कम समय के लिए प्रो. आरके मित्तल को इस विश्वविद्यालय को संभालने का मौका मिला. वे 26 जुलाई 2006 से 30 जुलाई 2006 तक ही कुलपति रह पाए थे. बता दें कि कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक के कार्यकाल में सबसे बड़े बदलाव किए गए. कर्मचारी से लेकर छात्र और शिक्षकों तक में इसका प्रभाव देखने को मिला. विश्वविद्यालय को अपना वर्तमान कैंपस मिल गया.
- डीएस चौहान ( 26 जुलाई 2000 से 25 जुलाई 2006
- आरके मित्तल (26 जुलाई 2006 से 30 जुलाई 2006)
- प्रेमव्रत (31 जुलाई 2006 से 30 जुलाई 2009)
- कृपा शंकर ( 31 जुलाई 2009 से 18 सितम्बर 2012)
- आरके खांडल (19 सितम्बर 2012 से 29 अप्रैल 2015)
- ओंकार सिंह ( 30 अप्रैल 2015 से 3 अगस्त 2015)
- विनय कुमार पाठक (अगस्त 2015 से अगस्त 2021)
- विनीत कंसल (अगस्त 2021 से जनवरी 2022)
- प्रदीप कुमार मिश्रा (जनवरी 2022 से)
यह रहेगा आज का कार्यक्रम
विश्वविद्यालय परिसर में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इसमें, बतौर मुख्य अतिथि प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल और मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र शामिल होंगे. साथ ही इस मौके पर प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा सुभाष चंद्र शर्मा भी रहेंगे. कार्यक्रम दो चरणों में आयोजित किया जाएगा. पहले चरण में शाम साढ़े चार बजे मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र बतौर मुख्य अतिथि होंगे. इस दौरान वह विश्वविद्यालय परिसर का भ्रमण करने के साथ ही वृक्षारोपण करेंगे. इसके बाद उनके समक्ष अब तक के विश्वविद्यालय की यात्रा को समेटे एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया जाएगा. वहीं, दूसरा चरण का कार्यक्रम शाम सात बजे शुरू होगा. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल होंगे. मुख्य अतिथि परिसर में वृक्षारोपण करेंगे. इसके बाद उनके समक्ष भी विश्वविद्यालय पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन किया जाएगा. इस मौके पर माननीय मंत्री एनबीए, एनआईआरएफ-22 की रैंकिंग और नैक ग्रेडिंग प्राप्त करने वाले संबद्ध संस्थानों का सम्मान करेंगे. सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा.
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