लखनऊ: विश्वविद्यालय में उर्दू विभाग के पीएचडी स्कॉलर अली जफर और उनके साथी पिछले कई दिनों से यूनिवर्सिटी परिसर में सांप्रदायिक सद्भाव और शांति की अलख जगाए हुए हैं. शांति बनाए रखने और सुप्रीम कोर्ट के सम्मान की अपील करने वाले पर्चे और पोस्टर लेकर विश्वविद्यालय के सभी विभाग में जाकर जफर की टीम विद्यार्थियों को बता रही है कि किस तरह देश के लिए संविधान बेहद अहम है, क्योंकि देश की व्यवस्था संविधान से ही संचालित होती है. ऐसे में संविधान का सम्मान करना हर भारतीय नागरिक का फर्ज है.
अयोध्या मामला: लखनऊ यूनिवर्सिटी के उर्दू स्कॉलर दे रहे हैं दुनिया को संदेश - सांप्रदायिक सद्भाव
लखनऊ यूनिवर्सिटी के उर्दू विभाग के स्कॉलर द्वारा छात्र-छात्राओं में सामाजिक सद्भाव और अयोध्या मामले विवाद के सिलसिले में अनोखी पहल की जा रही है. विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों के पास जाकर उर्दू स्कॉलर का यह समूह अपील कर रहा है कि अदालत के सुप्रीम फैसले को सभी लोग सम्मान से स्वीकार करें.
एकता और अखंडता को हमारे व्यवहार से मिलेगी मजबूती
अली जफर कहते हैं कि अयोध्या जैसे संवेदनशील मामले पर हमारी कई पीढ़ियों ने शांति बनाए रखने में कामयाबी हासिल की है, हमें उनसे सबक लेना चाहिए. आज जब अयोध्या विवाद का सुप्रीम कोर्ट से फैसला आना तय है तो हमें ऐसी समझदारी दिखानी चाहिए, जिससे सामाजिक ताना-बाना मजबूत बना रहे. देश की एकता और अखंडता को हमारे व्यवहार से मजबूती मिले. आने वाली पीढ़ियां इतिहास में यह जरूर याद करेंगी कि अयोध्या मसले का समाधान शांतिपूर्ण और सौहार्द के माहौल में करने में हम कितना कामयाब रहे.
किसी तरह कि आशांति इंसानियत के हक में नहीं
टीम के सदस्यों की एक चिंता यह भी है कि अगर हमने समझदारी नहीं दिखाई और अशांति का माहौल बना तो हिंसा में दोनों पक्षों का नुकसान होगा, जो किसी भी तरह से इंसानियत के हक में नहीं होगा. इस युवा टीम को यह भरोसा भी है कि उनकी बात समाज के बुजुर्ग लोग भी सुनेंगे और उस पर अमल भी करेंगे.
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