लखनऊ:18वीं शताब्दी के आखिरी दशक में राजा महमूदाबाद की जमीन पर एक स्कूल शुरू हुआ था. यह स्कूल एक अंग्रेज गवर्नर की याद में कैनिंग कॉलेज बन गया और ये कैनिंग कॉलेज 1920 आते-आते लखनऊ विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाने लगा. लखनऊ विश्वविद्यालय ने देश को डॉ. बीरबल साहनी जैसे वैज्ञानिक तो डॉ. शंकर दयाल शर्मा जैसे राजनीतिज्ञ दिए हैं. शुरुआती दौर में यहां 6 से 7 ही विभाग थे. इनमें हिंदी, संस्कृत और फारसी विषय थे. आज यहां 45 विभाग हो चुके हैं. 25 नवंबर 1920 को बने इस विश्वविद्यालय में 17 जुलाई 1921 को पहला शैक्षिक सत्र शुरू हुआ.
इस विश्वविद्यालय में 17 जुलाई 1921 को पहला शैक्षिक सत्र शुरू हुआ. विश्वविद्यालय से निकले बड़े-बड़े नाम लखनऊ विश्वविद्यालय ने हमें राजनीतिक, सांस्कृतिक जैसी तमाम विधाओं के बड़े नाम दिए. फिर चाहे पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा हों या वर्तमान में उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा. यूपी के मंत्री बृजेश पाठक हों या उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत. विजयराजे सिंधिया, पूर्व केंद्रीय मंत्री जफर अली नकवी हो या फिर भजन गायक अनूप जलोटा, सब इसी विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं.
लखनऊ यूनिवर्सिटी का योगदान
करीब 500 शिक्षकों के सानिध्य में आज यहां 20 हजार छात्र पढ़ रहे हैं. यहां से संबंद्ध 153 डिग्री कॉलेजों में सवा लाख छात्र पढ़ रहे हैं. यहां स्नातक की 3202 और परास्नातक में 5383 सीटें हैं. विवि में आठ संकाय और विभागों की संख्या 60 है. यहां कुल 16 हॉस्टल हैं. इनमें 11 छात्र और पांच गर्ल्स हॉस्टल हैं.
प्रधानमंत्री जारी करेंगे सिक्का
लखनऊ विश्वविद्यालय के सौ वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 100 रुपये का चांदी और अन्य धातुओं के मिश्रण वाला स्मारक सिक्का जारी करेंगे. स्मारक सिक्का जारी होने के साथ ही यह सम्मान पाने वाला लखनऊ विश्वविद्यालय देश का तीसरा विश्वविद्यालय हो जाएगा.
सीएम योगी करेंगे उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लखनऊ विश्विद्यालय के शताब्दी वर्ष समारोह के साक्षी बनेंगे. प्रधानमंत्री 25 नवंबर को शताब्दी वर्ष समारोह के समापन कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़ेंगे. वहीं, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कार्यक्रम में फिजिकली उपस्थित रहेंगे. इससे पहले सीएम योगी 19 नवंबर को विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष समारोह का उद्घाटन करेंगे. डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा भी कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे. शताब्दी वर्ष पर प्रधानमंत्री इस विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने की घोषणा कर सकते हैं.