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छात्रों के कामों में दिखनी चाहिए सकारात्मकता: कुलपति - lucknow university vc

रविवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने नए स्नातक स्टूडेंट्स के साथ ऑनलाइन ओरिएंटेशन कार्यक्रम को संबोधित किया.

कुलपति ने छात्रों को महत्वपूर्ण जानकारियां दी.
कुलपति ने छात्रों को महत्वपूर्ण जानकारियां दी.

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Published : Nov 9, 2020, 7:36 AM IST

लखनऊ: लविवि के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने नए स्नातक स्टूडेंट्स के साथ ऑनलाइन ओरिएंटेशन कार्यक्रम को संबोधित किया. रविवार को फैकल्टी ऑफ आर्ट्स और लॉ के 1200 से अधिक स्टूडेंट्स को प्रो. राय ने लखनऊ विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर चुके पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा, केरल के राज्यपाल समेत विभिन्न उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां देकर प्रोत्साहित किया.

देशभर में काम कर रहे हैं छात्र

रविवार को ऑनलाइन ओरिएंटेशन कार्यक्रम के आखिरी दिन स्टूडेंट्स ऑफ वेलफेयर की प्रो. पूनम टंडन ने पढ़ाई के साथ सांस्कृतिक, खेल समेत अन्य गतिविधियों में भाग लेने के लिए छात्रों को प्रेरित किया. उन्होंने फैकल्टी ऑफ लॉ के नए छात्रों को उनके सीनियर और एलएलएम टॉपर वर्तिका द्विवेदी को विश्वविद्यालय के मेधावी छात्र परिषद में शामिल करने के बारे में जानकारी दी. प्रो टंडन ने कहा कि फैकल्टी ऑफ लॉ का एक शानदार अतीत और शानदार वर्तमान है. इसलिए उन्हें भरोसा है कि नए छात्र इसका एक सुंदर भविष्य सुनिश्चित करेंगे. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. राजीव राठी ने उन पूर्व छात्रों के बारे में बताया जो लविवि से पढ़कर आज देशभर में विभिन्न उच्च पदों पर हैं. उन्होंने छात्रों को देश के सबसे पहले प्रतिष्ठित विधि के सदस्य बनने के लिए बधाई भी दी.

10वें स्थान पर है लविवि

कार्यक्रम के अंत में कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने छात्रों को संबोधित किया. प्रो. राय ने बताया कि इंडिया टुडे रैंकिंग के अनुसार लविवि अध्ययन के लिए 10वां सबसे लोकप्रिय स्थान बना. उन्होंने विवि से पास आउट पूर्व छात्रों के बारे में जानकारी दी. जिनमें पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा, केरल के राज्यपाल समेत देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों के 40 से अधिक न्यायाधीश के बारे में चर्चा की.

सकारात्मक रहे छात्र

कुलपति ने अपने जीवन में सकारात्मकता के महत्व पर जोर देने को कहा और छात्रों को न केवल उनके दृष्टिकोण बल्कि उनके कार्यों में भी सकारात्मकता लाने के लिए कहा. उन्होंने छात्रों को मार्क ट्वेन के बारे में बताया कि उन्होंने कहा था कि किसी भाषा में संभव सभी शब्द आमतौर पर एक शब्दकोश में सूचीबद्ध होते हैं और फिर भी कविता उस व्यक्ति द्वारा बनाई जाती है, जो जानता है कि उन्हें अभिव्यक्ति के सही रूप में कैसे उपयोग किया जाए. उन्होंने कहा कि पेंटिंग की कीमत रंगों, ब्रशों आदि की कीमत से तय नहीं होती, बल्कि उस हाथ से तय की जाती है जो उन्हें बनाने के लिए इस्तेमाल होते हैं.

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