लखनऊ:शताब्दी समारोह के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने लखनऊ विश्वविद्यालय के क्षेत्राधिकार में आने वाले जिलों की लोकल विधाओं और उनके उत्पादों के लिए स्किल डेवलपमेंट जैसे कार्यक्रम शुरू करने की बात कही है. इस पर कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने टास्क फोर्स का गठन करने की घोषणा की है, जो एलयू के संबंद्ध वाले जिलों में स्थानीय परंपरागत उत्पादों पर नजर रखेगी.
प्रधानमंत्री ने लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह के दौरान कहा था कि जिन जिलों को आपके शैक्षणिक दायरे में जोड़ा जा रहा है. वहां के लोकल उत्पादों, लोकल विधाओं और उनसे जुड़े कोर्सेज के लिए स्किल डेवलपमेंट जैसे कार्यक्रम शुरू किए जाएं. इसके अलावा वहां के उत्पादों की ब्रांडिंग, मार्केटिंग और मैनेजमेंट से जुड़ी रणनीति आपके कोर्सेज का हिस्सा हो सकती हैं और यूनिवर्सिटी के छात्रों की दिनचर्या का हिस्सा हो सकती हैं. जैसे लखनऊ की चिकनकारी, अलीगढ़ के ताले, मुरादाबाद के पीतल के बर्तन, भदोही की कालीन ऐसे अनेक उत्पादों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा कैसे बनाएं. इसको लेकर नए सिरे से रिसर्च, स्टडी क्यों नहीं कर सकते हैं. इससे सरकार को भी नीति निर्धारण में मदद मिलती है, तभी 'एक जिला एक उत्पाद' की भावना साकार हो पाएगी.
दो सदस्यीय टास्क फोर्स करेगी काम
कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय के मुताबिक, दो सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन करने की घोषणा कर दी गई है. इस टास्क फोर्स के अंतर्गत एक कोर कमेटी होगी और उसके दायरे में पांच सब कमेटियां काम करेंगी. इसमें हर जिले से 2 लोग शामिल किए जाएंगे. कोर कमेटी की अध्यक्ष शिक्षा विभाग की प्रो.अमिता बाजपेई, सांख्यिकी विभाग के प्रो. राजीव पांडे और अंग्रेजी विभाग के प्रो. आरपी सिंह शामिल होंगे. लखनऊ विश्वविद्यालय इन जिलों के उत्पादों पर अपने स्तर पर काम करेगा. वहां के विशेष उत्पादों को लेकर शोध किए जाएंगे, ताकि यह उत्पाद आगे बढ़ाए जा सकें.