लखनऊः लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षक सरकार और शासन के साथ मिलकर नीतियां बनाते हैं. उनके परामर्श से योजनाएं आगे बढ़ती हैं. लेकिन जब इन शिक्षकों के हक की बात आती है तो सभी मुंह मोड़ ले रहे हैं. आलम यह है कि विश्वविद्यालय में पढ़ाने वाले शिक्षकों के 12-12 सालों से प्रमोशन (Teachers Promotion Issues) तक नहीं हुए है.
लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (Lucknow University Teachers Association) का दावा है कि 80 प्रतिशत से ज्यादा शिक्षक प्रमोशन के इंतजार में बैठे हैं. विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) के मद्देनजर अब यह मुद्दा उठने लगा है. शिक्षक संघ के महामंत्री डॉ. राजेन्द्र वर्मा का कहना है कि शिक्षकों की इन शिकायतों को भी राजनीतिक मुद्दा बनना चाहिए.
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान महामंत्री डॉ. राजेन्द्र वर्मा ने बताया कि लखनऊ विश्वविद्यालय में 80 प्रतिशत शिक्षकों के प्रमोशन अभी लम्बित हैं. इसमें आठ-आठ, दस-दस साल से शिक्षक इंतजार कर रहे हैं. कई महत्वपूर्ण विभागों में पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं है. 60 से 65 शिक्षकों का एसिस्टेंट से एसोसिएट का प्रमोशन (Assistant And Associate Professor Promotion) फंसा है. 15 से 17 प्रोफेसर के प्रमोशन रुके हुए हैं. बीते दिनों सिर्फ पांच से सात विभागों में प्रमोशन हुए. कैमेस्ट्री डिपार्टमेंट, बायोकेमेस्ट्री डिपार्टमेंट, बॉटनी, गणित, फिलिसोफी, जियोलाजी, पर्शियन, समेत कई विभागों को अभी इंतजार है.
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शिक्षक संगठन का आरोप है कि उन्होंने उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा से कई बार इस मुद्दे को लेकर निवेदन किया. शिक्षक संगठन के दवाब में उन्होंने आदेश भी जारी किए, लेकिन उस आदेश की आड़ में प्रशासन में बैठे अधिकारियों ने अपने-अपने लोगों का प्रमोशन कर दिया. मांग है कि शासन स्तर पर कोई ऐसी नीति बनाई जाए कि समय पर मेडिकल या प्रमोशन जैसे ड्यूज क्लीयर हो जाएं.
ये हैं हालात
- लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) फाइन आर्ट्स के डॉ. लालजी का 12 साल से प्रमोशन लम्बित है. उनके साथ फाइन आर्ट्स के दूसरे शिक्षकों का भी प्रमोशन नहीं हुआ है.
- शिक्षक संघ के डॉ. राजेन्द्र वर्मा का ही प्रमोशन 2019 ने लम्बित है.
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