लखनऊ:लखनऊ विश्वविद्यालय में गुरुवार को एलएलबी समेत समस्त पीजी प्रवेश परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर छात्रों ने प्रदर्शन किया. उन्होंने आरोप लगाया कि पीजी की नई जारी की गई सूची में कोई सुधार नहीं हुआ है, जिससे सैकड़ों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. इसलिए तत्काल प्रो. अनिल मिश्रा को बर्खास्त कर पुरानी प्रवेश परीक्षा को निरस्त कर नई प्रवेश प्रक्रिया लिस्ट जारी की जाए. इस दौरान जांच कमेटी के इशारे पर कैंपस में तैनात पुलिस छात्रों को ले गई.
गुरुवार को विश्वविद्यालय कैंपस के गेट नंबर-1 के पास समस्त पीजी स्टूडेंट्स ने धरना प्रदर्शन किया. विवि के कुलपति व पीजी प्रवेश समन्वयक प्रोफेसर अनिल मिश्रा के खिलाफ एडमिशन में धांधली का गंभीर आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की गई. इसी बीच कमेटी के सदस्य प्रो. पवन अग्रवाल, प्रो. राजीव मनोहर, प्रो. आनंद विश्वकर्मा प्रदर्शन कर रहे स्टूडेंट से बातचीत करने पहुंचे, लेकिन स्टूडेंट्स पुरानी लिस्ट कैंसिल कर नई लिस्ट जारी करने की मांग पर अड़े रहे.
पुलिस और छात्रों के बीच हुई धक्का-मुक्की
प्रदर्शन के दौरान जब जांच कमेटी के सदस्य छात्रों से बात करने पहुंचे तो स्टूडेंट्स नई लिस्ट दोबारा जारी करने की मांग पर अड़े रहे. इसके बाद कमेटी के सदस्यों के इशारे पर पुलिस ने छात्रों को प्रदर्शन स्थल से जबरन उठाकर गाड़ी में बैठना शुरू कर दिया. इस बीच छात्रों और पुलिस के बीच कई बार धक्का-मुक्की और कहासुनी भी हुई. छात्रों का आरोप था कि पुलिसकर्मी गाली-गलौज कर जबरदस्ती कर रहे हैं, जबकि वह शांति से धरना दे रहे थे.
मेरिट सूची में छेड़छाड़ का लगाया आरोप
एलएलबी छात्र अनिल यादव ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने करीबियों के प्रवेश के लिए मेरिट सूची में छेड़छाड़ की थी, जिसके विरोध में पिछले दिनों समस्त पीजी के स्टूडेंट्स ने प्रदर्शन किया था. इस पर कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने 5 सदस्य कमेटी बनाकर जांच के आदेश दिए थे. उन्होंने आरोप लगाया कि इस कमेटी ने लिस्ट में कोई सुधार न करते हुए पुरानी सूची ही जारी कर दी है, जिसका सभी छात्र विरोध कर रहे हैं.
दरअसल, लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा पूर्व में जारी परास्नातक पाठ्यक्रमों की मेरिट सूची में गड़बड़ियों के चलते मेरिट सूची को बार-बार बदलना पड़ा. विश्वविद्यालय प्रशासन ने बुधवार को संशोधित सूची जारी कर दी है. इसके आधार पर ही दाखिले होने हैं, जबकि कुछ दिन पूर्व लविवि में पीजी की मेरिट सूची जारी की थी, जिसमें लॉ समेत कई विषयों की सूची में तीन बार परिवर्तन किया गया, इसको लेकर छात्रों ने आपत्ति दर्ज कराई थी.
छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर अपने करीबियों को दाखिला देने के लिए मेरिट सूची में गड़बड़ी के आरोप भी लगाए. इसके बाद छात्रों की मांग पर कुलपति ने दाखिले की प्रक्रिया को रोक कर इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए थे. जांच समिति की रिपोर्ट में प्रवेश परीक्षा की ओएमआर शीट के मूल्यांकन के दौरान गलत आंसर शीट दिए जाने की बात सामने आई.