लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय व संबद्ध डिग्री कॉलेजों में छात्रसंघ बहाली को लेकर छात्रों ने कैंपेनिंग अभियान चला रखा है. इसके तहत छात्र नेताओं द्वारा परिसर में पर्चे बांटे जा रहे हैं साथ ही नुक्कड़ सभाएं कर छात्रों को छात्र संघ का महत्व समझाया जा रहा है. छात्र संघ बहाली को लेकर लखनऊ विश्वविद्यालय में बीते कुछ दिनों से सरगर्मी काफी तेज हो गई है. बीते दिनों पूर्व छात्र नेता मॉल लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र संघ के उपाध्यक्ष रहे ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू की 31वीं पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में छात्रों ने छात्र संघ बहाली का मुद्दा उठाया था. जिसके बाद धीरे-धीरे यह मुद्दा अब बढ़ता जा रहा है. यहां तक कि विधानसभा में सरकार ने स्पष्ट किया है कि छात्र संघ चुनाव पर कोई रोक नहीं लगे. कॉलेज और विश्वविद्यालय जब चाहे चुनाव करा सकते हैं.
बता दें, सपा के अतुल प्रधान (Atul Pradhan of SP) ने प्रश्नकाल में पूछा कि क्या सरकार छात्र संघों के चुनाव कराने पर विचार करेगी. इस पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सरकार की ओर से कॉलेजों को तीन बार पत्र भेजा जा चुका है. उनसे कहा गया है कि लिंगदोह समिति की सिफारिशों के अनुसार जब चाहे चुनाव करवा सकते हैं. वहीं छात्र संघ बहाली मोर्चा लखनऊ विश्वविद्यालय (Student Union Restoration Front Lucknow University) के तत्वावधान में लखनऊ विश्वविद्यालय व संबद्ध डिग्री कॉलेजों में चुनाव कराने को लेकर बीते 15 नवंबर से विशेष जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.
छात्र नेता विंध्यवासिनी शुक्ला (Student leader Vindhyavasini Shukla) ने बताया कि लखनऊ विश्वविद्यालय के दोनों परिसरों सहित शिया पीजी कॉलेज, कालीचरण पीजी कॉलेज, केकेसी पीजी कॉलेज, केकेवी पीजी कॉलेज, डीएवी पीजी कॉलेज सहित आधा दर्जन से अधिक डिग्री कॉलेजों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत सभी कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में मोर्चे ने 5000 से अधिक पर्चे बांटे गए हैं. साथ ही विश्वविद्यालय परिसर व डिग्री कॉलेजों में जाकर हर दिन संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. हमारी कोशिश है कि विश्वविद्यालय प्रशासन लखनऊ विश्वविद्यालय सहित डिग्री कॉलेज में जल्द से जल्द चुनाव कराने की प्रक्रिया को शुरू कराएं.