लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय में सरस्वती प्रतिमा के पास एबीवीपी के कार्यकर्ताओं की ओर से 9 नवंबर को धरना प्रदर्शन किया गया था. इस मामले में विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर प्रो. दिनेश कुमार ने अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी, लेकिन जांच के दौरान राज शेखर, अंशुल और बीए थर्ड इयर के छात्र नीतीश सिंह पर मुकदमा दर्ज हो गया. विश्वविद्यालय के छात्र नीतीश का आरोप है कि वह धरना देने नहीं बल्कि परीक्षा देने विवि आया था. उसके खिलाफ फर्जी तरीके से एफआईआर दर्ज करा दी गई है.
मिड सेमेस्टर की परीक्षा देने आया था छात्र
जानकारी के मुताबिक, एबीवीपी कार्यकर्ताओं के धरने के दौरान एलयू का छात्र नीतीश सिंह परिसर में अपनी मिड सेमेस्टर की परीक्षा देने आया था. तब विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर प्रो. दिनेश कुमार ने बिना किसी छात्र संगठन का नाम लिए अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई. साथ ही विवेचना के दौरान एलयू के प्रॉक्टर ने राज शेखर, अंशुल व बीए थर्ड ईयर के छात्र नीतीश सिंह का नाम भी बताकर एफआईआर करवा दी. हालांकि नीतीश सिंह का कहना है कि वह धरने में शमिल नहीं थे और अपनी परीक्षा देने कैंपस में आए थे. वे परीक्षा के बाद वह सीधे परिसर के बाहर चले गए थे. इसके बाद भी उनका नाम इसमें जोड़ दिया गया.