लखनऊ : साल 2020 में नई शिक्षा नीति (new education policy) लागू होने के बाद उच्च शिक्षण संस्थानों में इसके बाद आए बदलाव को लेकर भारत सरकार ने देश के सभी प्रमुख सचिवों से इस संबंध में जानकारी मांगी थी. इसी क्रम में प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा ने प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को पत्र जारी कर नई शिक्षा नीति को लेकर जो स्थिति है उस पर रिपोर्ट मांगी थी. ज्ञात हो कि शुक्रवार को प्रमुख सचिव भारत सरकार की अध्यक्षता में सभी प्रदेशों के मुख्य सचिवों की बैठक ऑनलाइन आयोजित की गई. जिसमें नई शिक्षा नीति को लागू करने की स्थिति व जहां लागू हो चुकी है वहां की डेवलपमेंट रिपोर्ट प्रस्तुत करनी थी. उत्तर प्रदेश में लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से भेजे गए रिपोर्ट में नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद शिक्षा क्षेत्र में क्या बदलाव हुआ है इसके बारे में पूरी रिपोर्ट भेजी गई है.
लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर संजय मेधावी ने बताया कि जून 2022 को राष्ट्रीय मुख्य सचिव सम्मेलन में नई शिक्षा नीति 2020 पर चर्चा की गई थी, जिसमें मौजूदा सत्र से नई शिक्षा नीति को सभी विश्वविद्यालयों को लागू करना था. उसी क्रम में भारत सरकार ने प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद सभी विश्वविद्यालयों से नई शिक्षा नीति को किस तरह से लागू किया गया है, इस पर विस्तृत रिपोर्ट बनाकर भेजना था. इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सभी विश्वविद्यालयों को पत्र भेजकर विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी शिक्षण संस्थानों को रिपोर्ट तैयार कर भेजने को कहा गया था. प्रोफेसर मेधावी ने बताया कि लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रदेश में सबसे पहले नई शिक्षा नीति लागू की गई है. ऐसे में विश्वविद्यालय ने अपना पूरा एक साल का अनुभव व उसके आधार पर पूरी रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेज दिया है. साथ ही रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि दूसरे साल में नई शिक्षा नीति में और क्या बदलाव होंगे. इस बारे में भी पूरी डिटेल तैयार कर ली गई है. इसके अलावा 5 बिंदुओं पर सभी विश्वविद्यालयों से रिपोर्ट मांगी गई थी.