लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय की तरफ से गुरुवार को पार्ट टाइम पीएचडी प्रवेश के कार्यक्रम में परिवर्तन कर दिया गया है. प्रवेश की प्रक्रिया एक सितंबर से ही शुरू होगी. एक सितंबर को जूलॉजी में पीएचडी प्रवेश के लिए डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और साक्षात्कार के साथ रिसर्च प्लान प्रस्तुत करना होगा.
लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इसके लिए पाठ्यक्रम वार कार्यक्रम निर्धारित किया गया है. पार्ट टाइम पीएचडी की 90 से ज्यादा सीटों पर प्रवेश के लिए अभ्यर्थियों को रिसर्च प्लान का राइट अप प्रस्तुत करना होगा. उसके साथ ही डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और साक्षात्कार से गुजरना होगा. बता दें विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कुछ दिन पहले ही पार्ट टाइम पीएचडी में प्रवेश के लिए विभागीय स्तर पर कार्यक्रम जारी किया गया था, लेकिन विभागों द्वारा इस पर आपत्ति किए जाने के बाद इसमें फेरबदल किया गया है.
पार्ट टाइम PHD प्रवेश कार्यक्रम में संशोधन. इनका बातों रखें ध्यान
- विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से पाठ्यक्रम वार कार्यक्रम घोषित किया गया है.
- अभ्यर्थी को निर्धारित तिथि पर सुबह 10:00 बजे अपने विभाग में रिपोर्ट करना होगा.
- सुबह 10:30 बजे से अभ्यर्थियों को अपना रिसर्च प्लान का राइट अप प्रस्तुत करना होगा.
- रिपोर्टिंग के दौरान अभ्यर्थी को एप्लीकेशन फॉर्म के प्रिंटआउट के साथ ओरिजिनल दस्तावेज रिसर्च वर्क एक्सपीरियंस और आरक्षण से जुड़े दस्तावेज भी प्रस्तुत करने होंगे.
इस तरह से बनेगी मेरिट
- कुल 100 अंकों के आधार पर अभ्यर्थियों का मूल्यांकन किया जाएगा.
- अभ्यर्थियों को कम से कम 1,000 शब्दों का रिसर्च प्लान कर आइटम प्रस्तुत करना होगा. इसके 70 अंक होंगे.
- 10 अंक वर्क एक्सपीरियंस के होंगे.
- 10 अंक एकेडमिक इंडेक्स के होंगे और बाकी के 10 अंक साक्षात्कार के आधार पर दिए जाएंगे.
- सभी विभागों के विभागाध्यक्ष अभ्यर्थियों का मूल्यांकन करके डीन और कोआर्डिनेशन एडमिशन के माध्यम से चयनित अभ्यर्थियों की सूची कुलपति को भेजेंगे.
पार्ट टाइम PHD प्रवेश कार्यक्रम में संशोधन.
पीजी प्रवेश के लिए 6 सितंबर से प्रवेश परीक्षा
लखनऊ विश्वविद्यालय के परास्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए भी प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाएगा. यह प्रवेश परीक्षा 6 सितंबर से शुरू होगी. करीब 14 ऐसे पाठ्यक्रम हैं, जिन पर सीटों के सापेक्ष काम आवेदन आए हैं. ऐसे में इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से प्रवेश परीक्षा कराने का फैसला लिया गया है. इनमें सीधे दाखिले लिए जाएंगे.