लखनऊ:लखनऊ विश्वविद्यालय में 21 जुलाई से National Assessment and Accreditation Council (नैक) मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू हो रही है. काउंसिल की आने वाली विशेषज्ञों की टीम 3 दिन तक लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर में रहकर यहां की व्यवस्था की जांच पड़ताल करेगी. इसके मद्देनजर विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से व्यवस्थाओं में बदलाव किया गया है. विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश करने वाले प्रत्येक छात्र, शिक्षक, कर्मचारी और अन्य लोगों को सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं.
लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि समस्त छात्र-छात्रायें अपना परिचय पत्र अथवा अपने शुल्क की रशीद लेकर परिसर में आयें और उसे विश्वविद्यालय के सक्षम अधिकारी के द्वारा मांगने पर तुरंत दिखाये. कोई भी छात्र-छात्रा किसी भी बाहरी व्यक्ति को मुख्य शैक्षणिक परिसर, छात्रावास, पुस्तकालय, और प्रशासनिक भवन में बुलाने की अनुमति नहीं रहेगी. समस्त छात्र-छात्रायें अपने-अपने विभाग अध्ययन कक्ष अथवा पुस्तकालय में ही रहेंगे.
धारा 144 लागूःलखनऊ विश्वविद्यालय के प्राक्टर प्रोफेसर राकेश द्विवेदी ने बताया कि परिसर में वैधानिक एवं अवैधानिक का प्रवेश पूर्णतः प्रतिबन्धित है. इसके साथ ही छात्र-छात्राओं को ध्यान रखना होगा कि विश्वविद्यालय में जिला प्रशासन द्वारा धारा 144 लागू है. इसके अतंर्गत शांति व्यवस्था के दृष्टिगत छात्रगण समूह में नहीं घूमेंगे तथा परिसर में किसी भी प्रकार का विरोध प्रदर्शन, धरना एवं जुलूस आदि पर पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा.
21 से 23 तक व्यवस्था बदलीः लखनऊ विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर में होने वाले राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद नैक (NAAC) के मूल्यांकन की वजह से कैंपस में प्रवेश की प्रक्रिया में भी बदलाव किया गया है. यह व्यवस्था 21, 22 और 23 जुलाई के लिए ही की गई है. विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर स्थित भाऊराव देवरस द्वार से दो पहिया वाहनों से प्रवेश करने वाले समस्त शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी अपने दो पहिया वाहन यूको बैंक के समीप स्थित नवनिर्मित द्वार से प्रवेश कर परीक्षा विभाग के नीचे नवनिर्मित वाहन स्टैण्ड पर खड़ा करने के उपरान्त परिसर में पैदल प्रवेश करेंगे. इसके अलावा चार पहिया वाहन से प्रवेश करने वाले समस्त शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी अपना वाहन पूर्व निर्धारित वाहन स्टैण्ड पर ही खड़ा करेंगे.