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रिचा सामंत बनीं लखनऊ यूनिवर्सिटी टॉपर, कुलाधिपति देंगी सम्मान

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 23, 2023, 7:16 AM IST

लखनऊ विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह 6 दिसंबर को (Lucknow University Convocation on 6th December) होगा. रिचा सामंत लखनऊ यूनिवर्सिटी टॉपर (Richa Samant became LU Topper) घोषित की गयी हैं. लखनऊ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में 196 मेडल विद्यार्थियों को देगा.

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Etv Bharat Richa Samant became Lucknow University Topper

लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय ने 6 दिसंबर को होने वाले दीक्षांत समारोह के लिए अपने सबसे प्रतिष्ठित मेडलों की सूची जारी कर दी है. इसमें रिचा सामंत यूनिवर्सिटी टॉपर (Richa Samant became Lucknow University Topper) घोषित की गयी हैं. रिचा एमए की स्टूडेंट हैं और उन्होंने विश्वविद्यालयों के आठों संकायों और 49 विभागों में टॉप किया है. इसके साथ विश्वविद्यालय ने कुलपति और चक्रवर्ती मेडल की सूची भी जारी कर दी है. ज्ञात हो कि लखनऊ विश्वविद्यालय अपने दीक्षांत समारोह में 196 मेडल छात्राओं को देता है.

चक्रवर्ती गोल्ड मेडल जीतने वाले स्वराज शुक्ला

विभागों के स्तर पर दिए जाने वाले मेडल की सूची गुरुवार को जारी होने की संभावना है. लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि रिचा सामंत को कुलाधिपति गोल्ड मेडल से सम्मानित किया जाएगा. यह मेडल सभी विषयों और विभागों में सबसे ज्यादा अंक अर्जित करने वाले स्टूडेंट को दिया जाता है. वहीं, चक्रवर्ती गोल्ड मेडल के लिए एलएलबी के स्वराज शुक्ला (हमीरपुर) को चुना गया है.

चक्रवर्ती मेडल सबसे बेहतर सामाजिक कार्य करने वाले स्टूडेंट को मिलता है. वहीं, कुलपति गोल्ड मेडल के लिए बीकॉम की भाविनी बहुगुणा को चुना गया है. यह मेडल बेस्ट एनसीसी कैडेट को मिलता है. इसके अलावा दो कुलाधिपति सिल्वर और 10 कुलाधिपति ब्रांज मेडल के लिए भी स्टूडेंट का चयन हो गया है. गुरुवार को सभी 196 मेडलों की सूची जारी हो जाएगी.

लखनऊ विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह 6 दिसंबर को होगा

कुलाधिपति गोल्ड मेडल पाने वाली रिचा सामंत ने कहा कि चांसलर मेडल मिलना एक सपने जैसा है, इसकी कल्पना नहीं की थी. पिता एक शॉपकीपर है, घर में सात लोग रहते हैं. दादाजी की पेंशन से काफी मदद मिल जाती है. आगे पीएचडी करना है और असिस्टेंट प्रफेसर बनने का सपना है. साइकोलॉजी के दौरान शिक्षकों से प्रभावित होकर प्रफेसर बनने का गोल बनाया. शुरू से पढ़ाने का शैक भी रहा है. नेट की तैयारी कर रही हूं. यूनिवर्सिटी में जो पढ़ाते हैं स्टूडेंट्स उसे ध्यान से सुने और समझे. खुद से भी कोशिश करना जरूरी है.

लखनऊ विश्वविद्यालय का डॉक्टर चक्रवर्ती गोल्ड मेडल पाने वाली भाविनी बहुगुणा ने कहा कि आर्मी में जाकर देश की सेवा करना चाहती हूं. एनसीसी के दौरान बहुत से अफसरों से मुलाकात हुई. उनसे प्रभावित होकर आर्मी में जाने का निश्चय किया है. फरवरी में गवर्नर हाउस में हुए कार्यक्रम के दौरान गवर्नर गोल्ड मेडल भी मिला है. सितंबर में यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत रूस भी गई थी भारत को रिप्रेजेंट करने वाली टीम में यूपी से अकेली थी. भातखंडे से संगीत में भी विशारद हूं. स्टूडेंट्स से यही कहना है कि स्मार्ट पढ़ाई करें. क्वालिटी पढ़ाई पर फोकस करें और मन लगाकर पढ़ें.

चक्रवर्ती गोल्ड मेडल जीतने वाले स्वराज शुक्ला ने कहा कि विश्वविद्यालय के पहले कुलपति डॉक्टर ज्ञानेंद्र नाथ चक्रवर्ती के नाम पर उसे छात्र को दिया जाता है. जो सोशल सर्विसेज में बेहतर करता है. इस बार यह अवार्ड लखनऊ विश्वविद्यालय के ला के छात्र स्वराज शुक्ला को मिला है. स्वराज शुक्ला ने बताया कि पर्यावरण एक बहुत बड़ी समस्या है इसको देखते हुए उन्होंने अपने स्तर से विश्वविद्यालय व आसपास के जिलों में प्लांटेशन ड्राइव का आयोजन किया था. इसके अलावा गांव-गांव जाकर लोगों को कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए लीगल कैंप हुआ लोगों के स्वास्थ्य सेवाओं के लिए ब्लड डोनेशन कैंप और मेडिकल चेकअप कैंप जैसे चीजों का आयोजन किया है.

कुलपति ने कुलाधिपति के मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम की ली जानकारी: लखनऊ विश्वविद्यालय के मंथन कक्ष में कुलपति प्रो आलोक कुमार राय ने 25 नवंबर को स्थापना दिवस समारोह एवं 6 दिसंबर को होने वाले दीक्षांत समारोह (Lucknow University Convocation on 6th December) की तैयारियों को लेकर अधिकारियों और संयोजकों के साथ बैठक की. बैठक में कुलपति ने कुलाधिपत के मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी ली और शोभा यात्रा के निकलने और मंच पर बैठने वाले छात्रों के बैठने के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए.

कुलपति ने बैठककर आगंतुकों की सूची की भी चर्चा की कि उनको सूचना भेजी गई या नहीं, साथ ही उनके बैठने आदि की व्यवस्थाओं को समझा. मंच का सीटिंग प्लान, मंच की साज-सज्जा को लेकर कुलपति ने सभी को निर्देश दिए. स्थापना दिवस की संध्या पर होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों की जानकारी लेने के बाद उन्होंने संबंधित व्यक्तियों को निर्देश दिए. दीक्षांत को लेकर उन्होंने अधिकारियों और संयोजकों से सम्मानित होने वाले अभिभावकों के बैठने की जानकारी ली. साथ ही महाविद्यालयों से आने वाले प्राचार्य और 28 नवंबर से 5 दिसंबर के मध्य संपन होने दीक्षांत सप्ताह में एकेडमिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बारे में भी विस्तृत चर्चा की.

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