लखनऊ :लविवि से संबद्ध हुए डिग्री कॉलेजों में एक बार फिर से परीक्षा शुल्क सहित अन्य मुद्दों की फीस कम करने का मामला गरमाता जा रहा है. लखनऊ विश्वविद्यालय से जुड़े चार अन्य जिलों के डिग्री कॉलेज का प्रतिनिधि मंडल विश्वविद्यालय प्रशासन से शैक्षणिक सत्र 2022 से परीक्षा शुल्क सहित अन्य शुल्क कम करने की मांग कर रहा है. लखनऊ यूनिवर्सिटी एफिलिएटेड कॉलेज एसोसिएशन (सेल्फ फाइनेंस) एक बार फिर से विश्वविद्यालय प्रशासन पर फीस सहित अन्य मांगों को लेकर बैठक कर निर्णय लेने की मांग कर रहा है. नव वर्ष के उपलक्ष्य में एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने विश्वविद्यालय अधिकारियों से मिलकर उनकी मांगों पर विचार करने को कहा है. बता दें प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने मंगलवार को कुलपति का कार्यभार संभाल लिया है.
लखनऊ यूनिवर्सिटी एफिलिएटेड कॉलेज एसोसिएशन (सेल्फ फाइनेंस) के प्रेसिडेंट रमेश सिंह ने बताया कि कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने एक साल पहले हमारी विभिन्न मांगों को हल करने के लिए एक कमेटी का गठन किया था. शुरुआत में तो उस कमेटी की दो तीन बैठकें आयोजित हुईं, जिनमें सेमेस्टर परीक्षा फीस व पंजीकरण फीस मिलाकर कॉलेजों को 1250 की राहत प्रदान की गई. इसके बाद से अन्य मुद्दों को लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ. यहां तक कि बीते एक साल से जो कमेटी कुलपति के कहने पर गठित हुई थी. उसकी एक भी बैठक नहीं आयोजित हुई. जिस कारण से एसोसिएशन की मांग पर कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया है. एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश सिंह ने कहा कि शासन ने कानपुर विश्वविद्यालय से हटाकर रायबरेली, हरदोई, सीतापुर व लखीमपुर के डिग्री कॉलेजों को लखनऊ विश्वविद्यालय से संबद्ध तो कर दिया, लेकिन हमारे फीस सहित दूसरे मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं लिया. इसके लिए हमें लखनऊ विश्वविद्यालय के सहारे छोड़ दिया. एसोसिएशन ने फीस सहित अन्य मुद्दे को लेकर लखनऊ विश्वविद्यालय से मांग की कि हमारी फीस कानपुर विश्वविद्यालय के अनुरूप रखी जाए.