लखनऊ:लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन ने शैक्षणिक सत्र 2023-24 में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर चुका है. प्रवेश प्रक्रिया के तहत विश्वविद्यालय खुद के परिसर में संचालित विषयों में प्रवेश के साथ ही केंद्रीयकृत प्रवेश प्रक्रिया के तहत अपने संबद्ध डिग्री कॉलेजों के सीटों पर भी प्रवेश कराता है. इसी प्रक्रिया के तहत विश्वविद्यालय ने अब इसका दायरा बढ़ा दिया है.
केंद्रीयकृत प्रवेश प्रक्रिया के तहत नए शैक्षणिक सत्र में प्रवेश के लिए लखनऊ समेत अन्य जिलों से सम्बद्ध कालेजों को भी जुड़ना होगा और उनका प्रवेश भी केंद्रीयकृत प्रणाली के तहत होगा. अभी तक केंद्रीकृत प्रवेश प्रक्रिया से केवल लखनऊ जिले के कॉलेज में जुड़े हुए थे. पर अब विश्वविद्यालय ने इसका दायरा अपने सभी पांचों जिलों तक बढ़ा दिया है. इस सम्बन्ध में लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलसचिव संजय मेधावी ने गुरुवार को आदेश जारी कर दिया.
डिग्री कॉलेजों को देनी होगी फीस:
लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रवेश (Lucknow University Admission) को लेकर कुलसचिव की ओर से जारी आदेश के अनुसार सहयुक्त महाविद्यालयों केंद्रीयकृत शुल्क की बात की जाये, तो प्रति महाविद्यालय अधिकतम दो प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों के लिए एक लाख और 18 फीसदी जीएसटी देना होगा. वहीं दो से अधिक पाठ्यमक्रम होने पर प्रति पाठ्यक्रम 50 हजार रुपये और 18 फीसदी जीएसटी देय होगा. इसी तरह प्रति महाविद्यालय अधिकतम दो सामान्य पाठ्यक्रमों के लिए 50 हजार और 18 फीसदी जीएसटी देय होगा. जबकि दो से अधिक पाठ्यमक्रम होने पर प्रति पाठ्यक्रम 25 हजार रुपये और 18 फीसदी जीएसटी देय होगा.
केंद्रीयकृत प्रक्रिया से होंगे प्रवेश:
इसके अलावा कुलसचिव ने लखनऊ यूनिवर्सिटी में प्रवेश के लेकर एक और आदेश जारी किया है. इसमें उन्होंने एमएड, बीएलएड, बीपीएड और एमपीएड विषय को केंद्रीयकृत प्रवेश प्रक्रिया में शामिल कर दिया है. ऐसे में जिन कॉलेजों में यह सभी कोर्स संचालित हो रहे हैं, उन्हें न चाहते हुए भी केंद्रीयकृत प्रवेश प्रक्रिया से जुड़ना होगा. विश्वविद्यालय ने जारी आदेश में कहा है कि एनसीटीई से मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रमों एमएड, बीएलएड, बीपीएड और एमपीएड में प्रवेश एनसीटीई रेगुलेशन 2014 (भारत के राजपत्र) के भाग-3, खंड-4 के अनुच्छेद 4.3 के प्राविधानुसार विश्वविद्यालय द्वारा केंद्रीयकृत प्रवेश प्रक्रिया के माध्यम से प्रवेश किया जायेगा.
इसके अतिरिक्त किसी अन्य माध्यम से प्रवेश मान्य नहीं होगा. कुलसचिव ने अपने आदेश में कहा गया कि जो भी महाविद्यालय इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए केंद्रीयकृत प्रवेश प्रकिया में भाग नहीं लेंगे. उनके यहां के प्रवेश शून्य माने जाएंगे. कुलसचिव ने कॉलेजों को निर्देशित किया जाता है कि जारी आदेश के अनुसार कार्यवाही करें, अन्यथा की स्थिति किसी प्रतिकूल परिस्थिति के लिए महाविद्यालय स्वयं उत्तरदायी होगा.
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