उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

करोड़ों की ठगी करने वाले को एसटीएफ ने दिल्ली से धरा - पीजीआई थाने में मुकदमा दर्ज

यूपी के लखनऊ में ठगी करने का मामला सामने आया है. आरोपी ने साइबर फ्राड के जरिए पीड़ित से लाखों रुपये की रकम ठग ली. पीड़ित की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए लखनऊ एसटीएफ ने आरोपी को दिल्ली से पकड़ लिया है.

लखनऊ एसटीएफ ने पकड़ा आरोपी.
लखनऊ एसटीएफ ने पकड़ा आरोपी.

By

Published : Dec 17, 2020, 3:01 PM IST

लखनऊः जिस तेजी से दुनिया में तकनीकी सुविधाओं का विकास हो रहा है, उसी तेजी से साइबर अपराध के मामले भी बढ़ रहे हैं. एसटीएफ लखनऊ की टीम ने ऐसे ही एक जालसाज को गिरफ्तार किया है जो इंश्योरेंस कंपनी का अधिकारी बनकर लोगों से ठगी करता था. रायबरेली का रहने वाला राजकुमार ने अब तक हजारों की संख्या में लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी कर डाली है. राजकुमार के खिलाफ थाना पीजीआई में एक मुकदमा वृंदावन कॉलोनी के रहने वाले नीरज पांडे ने दर्ज कराया था.

इंश्योरेंस के नाम पर ठगी करने वाला गिरफ्तार
वृंदावन कॉलोनी के रहने वाले नीरज पांडे ने अपने साथ हुई ठगी के मामले में एक मुकदमा पीजीआई थाने में दर्ज कराया था. मुकदमे में नीरज ने राजकुमार नाम के युवक पर आरोप लगाया था कि उसने बिरला सन लाइफ का अधिकारी बनकर उससे बात की और लोन दिलाने के नाम पर उससे लाखों की रकम ठग ली. इस मामले में एसटीएफ की टीम ने सर्विलांस के माध्यम से सूचना मिलने पर दिल्ली के गणेश नगर से राजकुमार को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी के पास से मोबाइल फोन, लैपटॉप और एक लाख लोगों का इंश्योरेंस का डाटा भी बरामद हुआ है.

घर में बनाया था कॉल सेंटर
एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार राजकुमार ने पूछताछ में बताया कि 2013 में वह पहले टेलीकॉलर की नौकरी कर चुका था. उसी दौरान उन्होंने उसने इंश्योरेंस कंपनियों के कस्टमर को फोन कर के बात करने का तरीका सीखा था. 2015 में उसने नौकरी छोड़ दी और नोएडा के सेक्टर 16 में अपना कॉल सेंटर खोल दिया. इसके बाद विभिन्न इंश्योरेंस कंपनियों से उसने अवैध रूप से हैकर के माध्यम से डाटा खरीदा. एसटीएफ को राजकुमार के पास से 1,00,000 लोगों के इंश्योरेंस का डाटा भी बरामद हुआ है. राजकुमार ने पूछताछ में यह भी बताया कि वह ग्राहकों को फोन और व्हाट्सएप कर लोन दिलाने और बीमा में बोनस दिलाने का झांसा देता था फिर उनसे पैसे ऐंठता था.

ABOUT THE AUTHOR

...view details