लखनऊ : हर साल 25 दिसंबर को बड़ा दिन यानी की क्रिसमस मनाया जाता है. इसी दिन प्रभु यीशु का जन्म हुआ था. प्रभु यीशु 33 साल तक जीवित रहे और फिर धर्म गुरुओं ने उन्हें शूली पर चढ़ा दिया था. हजरतगंज स्थित कैथेड्रल चर्च में सोमवार को हजारों लोग पहुंचे थे. इनमें बच्चे, बुजुर्ग, महिला और जवान सभी उम्र के लोग शामिल रहे. चर्च के स्टेज पर स्कूली बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए. शानदार सजावट में प्रभु यीशु के जन्म से लेकर शूली पर चढ़ाए जाने तक की कहानी को उकेरा गया. इसके अलावा बच्चों ने नाटक के जरिए प्रभु यीशु के जीवन को दर्शाया गया. हजरतगंज स्थित कैथेड्रल चर्च के फादर डोनाल्ड डी डिसूजा ने बताया कि चर्च में सबसे पहले 24 दिसंबर की शाम को यीशु की प्रार्थना हुई. उसके बाद से क्रिसमस दिवस शुरू हो गया. क्रिसमस के मौके पर हर ओर खुशहाली का माहौल रहता है. प्रभु यीशु भी हमेशा ही चाहते थे कि लोग हमेशा खुश रहें और लोगों का विश्वास ईश्वर पर हमेशा बना रहे.
हर चर्च में रही धूम : क्रिसमस को लेकर बीते रविवार शाम से ही शहर में काफी रौनक रही. राजधानी लखनऊ के सभी चर्च 24 दिसंबर को पूरी तरह से सज चुके थे. 24 दिसंबर को रात 10:30 बजे प्रभु यीशु की प्रार्थना की गई फिर उसके बाद से क्रिसमस डे की शुरुआत हो गई. ऐसे में राजधानी लखनऊ में सेंट जोसेफ कैथेड्रल, क्राइस्ट चर्च, ऑल सेंट्स गैरीसन चर्च, चर्च ऑफ द एपिफेनी, लालबाग इंग्लिश मेथोडिस्ट चर्च, सेंट पॉल चर्च और पीटर्स द रेलवेमेन्स चर्च में सजावट देखते बन रही है. सोमवार को चर्च घूमने के लिए हजारों लोग पहुंचे. जहां लोगों ने प्रभु यीशु की प्रतिमा पर कैंडल जलाकर इबादत की. चर्च में इतनी भीड़ थी कि एक पांव रखने तक की जगह नहीं थी. हजारों की संख्या में लोग इबादत करने के लिए पहुंचे थे.