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क्रिसमस डे मनाने के लिए कैथेड्रल चर्च में उमड़े लखनऊवासी, प्रभु यीशु के जन्म को लेकर कही यह बात

लखनऊ की हजरतगंज स्थित कैथेड्रल चर्च समेत शहर की विभिन्न चर्च में क्रिसमस का उल्लास देखने को मिला. बच्चों ने नाटक के जरिए प्रभु यीशु के जीवन को दर्शाया. वहीं चर्च के पादरी ने प्रभु यीशु के उपदेशों का मर्म साझा किया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 25, 2023, 10:04 PM IST

लखनऊ में क्रिसमस के उल्लास की जानकारी देतीं संवाददाता अपर्णाा शुक्ला.

लखनऊ : हर साल 25 दिसंबर को बड़ा दिन यानी की क्रिसमस मनाया जाता है. इसी दिन प्रभु यीशु का जन्म हुआ था. प्रभु यीशु 33 साल तक जीवित रहे और फिर धर्म गुरुओं ने उन्हें शूली पर चढ़ा दिया था. हजरतगंज स्थित कैथेड्रल चर्च में सोमवार को हजारों लोग पहुंचे थे. इनमें बच्चे, बुजुर्ग, महिला और जवान सभी उम्र के लोग शामिल रहे. चर्च के स्टेज पर स्कूली बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए. शानदार सजावट में प्रभु यीशु के जन्म से लेकर शूली पर चढ़ाए जाने तक की कहानी को उकेरा गया. इसके अलावा बच्चों ने नाटक के जरिए प्रभु यीशु के जीवन को दर्शाया गया. हजरतगंज स्थित कैथेड्रल चर्च के फादर डोनाल्ड डी डिसूजा ने बताया कि चर्च में सबसे पहले 24 दिसंबर की शाम को यीशु की प्रार्थना हुई. उसके बाद से क्रिसमस दिवस शुरू हो गया. क्रिसमस के मौके पर हर ओर खुशहाली का माहौल रहता है. प्रभु यीशु भी हमेशा ही चाहते थे कि लोग हमेशा खुश रहें और लोगों का विश्वास ईश्वर पर हमेशा बना रहे.

लखनऊ में क्रिसमस पर आयोजन.
लखनऊ में क्रिसमस पर आयोजन.

हर चर्च में रही धूम : क्रिसमस को लेकर बीते रविवार शाम से ही शहर में काफी रौनक रही. राजधानी लखनऊ के सभी चर्च 24 दिसंबर को पूरी तरह से सज चुके थे. 24 दिसंबर को रात 10:30 बजे प्रभु यीशु की प्रार्थना की गई फिर उसके बाद से क्रिसमस डे की शुरुआत हो गई. ऐसे में राजधानी लखनऊ में सेंट जोसेफ कैथेड्रल, क्राइस्ट चर्च, ऑल सेंट्स गैरीसन चर्च, चर्च ऑफ द एपिफेनी, लालबाग इंग्लिश मेथोडिस्ट चर्च, सेंट पॉल चर्च और पीटर्स द रेलवेमेन्स चर्च में सजावट देखते बन रही है. सोमवार को चर्च घूमने के लिए हजारों लोग पहुंचे. जहां लोगों ने प्रभु यीशु की प्रतिमा पर कैंडल जलाकर इबादत की. चर्च में इतनी भीड़ थी कि एक पांव रखने तक की जगह नहीं थी. हजारों की संख्या में लोग इबादत करने के लिए पहुंचे थे.

लखनऊ में क्रिसमस पर आयोजन.
लखनऊ में क्रिसमस के आयोजन में पहुंचीं युवतियां.



धर्म गुरुओं ने ही प्रभु यीशु को शूली पर चढ़ाया : हजरतगंज स्थित कैथेड्रल चर्च के फादर डोनाल्ड डी डिसूजा ने बताया कि प्रभु यीशु हमेशा प्रेम से रहने के लिए उपदेश देते थे. प्रभु यीशु का जन्म 4-6 ई. पू. फिलिस्तीन के शहर बेथलेहेम में हुआ था. माता मरियम और पिता युसूफ दोनों नाज़ेरथ से आकर बेथलेहेम में बस गए थे. प्रभु यीशु 33 वर्ष तक जीवित रहे. शुरुआती समय में वह कभी भी लोगों के सामने नहीं आए और न ही किसी को कोई उपदेश दिया न ही कोई संदेश. आखिरी के तीन साल में उन्होंने उपदेश देना शुरू किया. ऐसे में उस समय के जो बाकी धर्मगुरु थे, उन्हें यह बात हजम नहीं हुई. प्रभु यीशु के पास बहुत से श्रद्धालु उनके उपदेश सुनने के लिए जाते थे. जिसके चलते बाकी धर्म गुरुओं के पास लोग नहीं जाते थे. उन्होंने बताया कि बहुत ही चौंकाने वाली बात है कि प्रभु यीशु को सूली पर किसी और ने नहीं बल्कि धर्मगुरुओं ने चढ़ाया था. 25 दिसंबर को यीशु का जन्म मनाया जाता है.


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