लखनऊ : यूपी के 2022 विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस इस बार खास योजना के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी. प्लान ऐसा कि भाजपा को उसके गढ़ में ही शिकस्त दी जा सके. दरअसल, पार्टी मुस्लिमों का मोह त्यागकर इस बार हिंदुत्व के एजेंडे पर पूरी तरह फोकस करेगी. पार्टी के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस को भी एहसास हो गया है कि भाजपा को अगर पटखनी देना है तो हिंदुत्व के एजेंडे को अपनाना ही होगा. यूपी में सिर्फ मुस्लिमों के भरोसे राजनीति नहीं की जा सकती.
भाजपा के वर्चस्व वाली जितनी सीटों पर हिंदुओं का बोलबाला है, वहां पार्टी हिंदुत्व कार्ड खेलेगी और जिन सीटों पर मुस्लिम आबादी चुनाव का रुख तय करती है, वहां पर पहले ही पार्टी बेहतर करती रही है, अब और बेहतर करेगी. हालांकि पार्टी के नेता खुलकर यह कहने से कतरा रहे हैं कि इस तरह का प्लान तैयार हुआ है. वे जाति, धर्म, मजहब और संप्रदाय की राजनीति नहीं करते हैं. वे इस तरह का बयान देकर पार्टी का बचाव कर रहे हैं.
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बीजेपी के गढ़ वाली सीटों पर नज़र
कांग्रेस पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस को यह लगता रहा है कि मुसलमानों के बिना काम नहीं चलेगा. यही कांग्रेस की हार का कारण बनता रहा. अब पार्टी ने गंभीरता से विचार किया है और मुस्लिमों को वहीं पर प्रतिनिधित्व देने की योजना बनाई है जहां मुस्लिम आबादी निर्णायक भूमिका में हो. हिंदू बाहुल्य आबादी पर मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट देने की गलती नहीं की जाएगी. नेता बताते हैं कि प्रदेश में 278 ऐसी सीटें है जिन पर भारतीय जनता पार्टी को हराना बड़ी चुनौती रही है. इसका कारण सिर्फ वोटों का ध्रुवीकरण है. अब बीजेपी को चुनाव में ध्रुवीकरण नहीं करने दिया जाएगा.
कांग्रेस पार्टी का फोकस यही 278 सीटें होंगी. पिछले एक साल से पार्टी ने इन्हीं सीटों पर संगठन को मजबूत करने का काम किया है. न्याय पंचायत, ब्लॉक स्तर और ग्राम पंचायत स्तर पर संगठन का गठन किया गया है. नेता मानते हैं कि भाजपा के किले में सेंध लगने के बाद भारतीय जनता पार्टी का एकछत्र राज्य समाप्त हो जाएगा. भाजपा सत्ता से बाहर हो जाएगी.
125 सीटों पर पार्टी आश्वस्त
कांग्रेस नेता मानते हैं कि 125 सीटें जिन पर मुस्लिम आबादी काफी है, वहां पहले से ही कांग्रेस मजबूती से चुनाव लड़ती रही है. इस बार यहां पार्टी और मजबूत हो जाएगी. इन सीटों पर भाजपा का कोई वोट बैंक नहीं है.