लखनऊः कोरोना संक्रमण का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. राजधानी में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है और काफी संख्या में लोग इससे दम भी तोड़ रहे हैं. स्वास्थ्य सेवाएं भी पूरी तरह से बेपटरी हो चुकी हैं. ऐसे में लोग अब अपनी जान बचाने की चिंता ज्यादा कर रहे हैं. इन्हीं सब वजहों से राजधानी लखनऊ का रियल एस्टेट कारोबार पूरी तरह से मंदी का शिकार हो चुका है.
60 से 70 फीसदी कम हुआ कारोबार
इस समय सबसे ज्यादा अनिश्चितता रियल एस्टेट कारोबार को लेकर है. लोग घर या अन्य किसी प्रॉपर्टी में पैसा लगाने से बच रहे हैं और अपनी जिंदगी बचाने के बारे में ज्यादा सोच रहे हैं. ऐसे में पिछले कुछ समय से राजधानी लखनऊ में रियल एस्टेट सेक्टर की खरीदारी 60 से 70 फीसदी तक कम हुई है. साल 2020 में जब कोरोना का संक्रमण बढ़ा तो स्थितियां धीरे-धीरे बिगड़ी, लेकिन साल के अंत में जब कोरोना संक्रमण काफी कम हुआ तो उम्मीद हुई कि नवरात्र के आसपास इसमें तेजी आ सकती है. कुछ नई बुकिंग भी हो रही थी, लेकिन इसी बीच कोरोना वायरस ने सब कुछ तबाह कर दिया.
प्रॉपर्टी खरीदने से बच रहे हैं ग्राहक
अब लोग कुछ भी प्रॉपर्टी खरीदने से बच रहे हैं. रियल स्टेट से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि सबसे अधिक प्रभावित मध्य और छोटे स्तर पर काम करने वाले विकासकर्ता हैं जो कि 30 लाख या इससे कम बजट में आशियाना बनाने के लिए प्रोजेक्ट करते हैं. ऐसे परिवार इलाज के लिए जरूरी फंड रखना चाहते हैं. पहली लहर के बाद अब लोगों की सोच है कि सब कुछ सामान्य रहेगा तभी मकान या भूखंड खरीदेंगे. यह हालात पूरे लखनऊ में हैं.