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मालिक नहीं देता था पैसे तो कर्मचारियों ने रच डाली लूट की झूठी वारदात, पुलिस ने खोला राज

लखनऊ पुलिस ने बुधवार रात नाका ओवरब्रिज पर हुई लूट की कहानी खुद प्लाईवुड कारोबारी के कर्मचारियो ने रची थी पुलिस पुछताछ में आरोपियो ने लूट की झूठी कहानी रचने की बात कबूली पुलिस ने दोनो को हिरासत में लेकर कलेक्शन के पैसे भी बरामद कर लिया

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Published : Apr 20, 2023, 6:11 PM IST

मालिक नहीं देता था पैसे तो कर्मचारियों ने रच डाली लूट की झूठी वारदात.

लखनऊ : राजधानी लखनऊ में बुधवार रात प्लाईवुड कारोबारी के कर्मचारियों से हुई लूट की वारदात फर्जी निकली. समय पर पगार और जरूरत के वक्त पैसे न देने से नाराज दो कर्मचारियो ने लूट की कहानी रच डाली. पुलिस ने सुराग और साक्ष्य जुटाए तो दोनों कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध मिली. पुलिस ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि कर्मचारियों ने ही लूट की झूठी कहानी बनाकर धनराशि हड़पने की साजिश रची थी.


बता दें, अलीगंज निरालानगर निवासी अरुण जिंदल प्लाईवुड व्यापारी हैं. बुधवार दोपहर को अरुण ने दो कर्मचारियों अंकित यादव और अर्जुन राठौर को कैश कलेक्शन करने के लिए भेजा था. बाइक से वह लोग तिलक निवासी अशोक शर्मा के यहां पहुंचे थे. व्यापारी से रुपये लेने के बाद बैग में रखकर अंकित और अर्जुन लौट रहे थे. रास्ते में उन्होंने व्यापारी अरुण जिंदल को फोन कर बताया कि नाका हुसैनगंज ओवरब्रिज पर असलहे के बल पर 13 लाख रुपये लूट लिए गए हैं. वारदात का पता चलने पर अरुण भी घटनास्थल पहुंचे. इस बीच कैसरबाग, नाका और हुसैनगंज थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गई. सरेराह लूट की वारदात की जानकारी होते ही जेसीपी क्राइम नीलाब्जा चौधरी सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे.


डीसीपी सेंट्रल अपर्णा रजत कौशिक ने बताया कि बुधवार रात नाका ओवरब्रिज पर लूट की घटना की जानकारी सामने आई थी. जिसमें निरालानगर निवासी अरुण जिंदल प्लाईवुड कारोबारी के कर्मचारी कैश कलेक्शन कर वापस आ रहे थे. रास्ते में दो बाइकसवार तीन बदमाशों ने असलहे के दम पर रुपयों से भरा बैग छीनकर फ़रार हो गए. सूचना पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल शुरू की तो दोनों कर्मचारियों ने पूछताछ में अलग अलग बयान दिए. पुलिस को शक हुआ तो सख़्ती से पूछताछ के दौरान उन्होंने ही खुद लूट की झूठी कहानी रचने की बात कबूली और लूटी रकम पुल के नीचे छिपाने की जानकारी दी. आरोपी कर्मचारियों का कहना है कि रुपयों की जरूरत थी. जरूरत पर मालिक उन लोगों को पैसे नहीं दे रहे थे. इसीलिए हम लोगों ने पैसे हड़पने की नीयत से लूट की झूठी कहानी रची थी.

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